Jharkhand news (चाईबासा, पश्चिमी सिंहभूम) : पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा स्थित JNP रेलवे फाटक के ऊपर 30 करोड़ की कुल लागत से बनकर तैयार बहुप्रतिक्षित रेलवे ओवर ब्रिज (ROB) का उद्घाटन राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन गुरुवार को करेंगे. इतना ही नहीं, 2 करोड़ 16 लाख के लागत से आधुनिकीकरण होने के बाद चाईबासा के एेतिहासिक पिल्लई हॉल का उद्धाटन भी सीएम अपने हाथों से करेंगे.
इसके अलावा चाईबासा के ITI ब्यॉयज और गर्ल्स हॉस्टल समेत कुल 44 योजनाओं का उद्घाटन भी सीएम श्री सोरेन द्वारा किया जायेगा. साथ ही DMFT आदि मद से क्रियान्वित कुल 51 योजनाओं का शिलान्यास भी सीएम करेंगे. इस दौरान SC कंपनी के 45 विस्थापितों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण भी किया जायेगा.
सीएम हेमंत सोरेन गुरुवार को चाईबासा के टाटा कॉलेज मैदान पर बने हैलीपैड पर उतरेंगे. यहां से उनका काफिला सीधे JNP चौक पहुंचेगा. जहां वे 12.15 बजे ROB का उद्धाटन करेंगे. इसके बाद वे शहर के बीचों-बीच स्थित पिल्लई हॉल पहुंचेंगे. यहां हॉल का उद्घाटन करने के बाद समारोह में वे भाग लेंगे. यहां SC कंपनी के विस्थापित के बीच परिसंपत्तियों का वितरण करने के बाद कुल 44 योजनाओं का उद्धाटन और 51 योजनाओं का शिलान्यास करेंगे. इसके बाद वापस रांची लौट जायेंगे.
चाईबासा शहर के बीचों- बीच स्थित 180 साल पुराने पिल्लई हॉल का जीर्णोद्धार कराते हुए इसे अत्याधुनिक बनाया गया है. वीकेबी पिल्लाई ने 31 अक्टूबर, 1937 को पिल्लई हॉल की नींव रखी थी. एसआर रूंगटा ग्रुप ने सीएसआर के तहत पिल्लई हॉल का जीर्णोद्धार कराया है. इसे लेकर पिल्लई हॉल की दीवारों के साथ छेड़-छाड़ किये बगैर इसे अत्याधुनिक बनाया गया है. यहां डॉल्बी साउंड सिस्टम से लेकर स्टेज और सीट भी आधुनिक ऑडोटोरियम की तरह है. पिल्लई हॉल में एक हजार लोगों के बैठने की क्षमता है. इसके अलावा सेंट्रल एयर कंडिशनर से पूरा हॉल सुसज्जित है. हॉल में स्टेज में लाइट व कार्यक्रम के लिए हर सुविधा है. हॉल पूरी तरह सीसीटीवी की निगरानी में है. साथ ही पॉर्किंग से लेकर सभी सुविधा से लैस है.
चाईबासा की जनता को आज से रेलवे आेवर ब्रिज (ROB) की सौगात मिलने वाली है. इसका सीधा फायदा चाईबासा समेत जिले भर की जनता को होगा. दरअसल चाईबासा के JNP चौक के समीप बहुप्रतिक्षित रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण आमजनों के सुविधा को ध्यान में रखते हुए किया गया है. पूर्व में रेलवे ओवरब्रिज के नहीं होने के कारण चाईबासा की जनता को कई तरह की परेशानियां झेलनी पड़ती थी.
प्रत्येक 5 मिनट के अंतराल पर रेलवे फाटक बंद होने के कारण लोगों को फाटक खुलने का घंटों इंतजार करना पड़ता था. इस कारण कई लोगों को कार्यालय समेत अन्य जरूरी कार्यों में विलंब होता था. वहीं, स्कूली बच्चे कई बार समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाते थे. इतना ही नहीं, फाटक बंद रहने के कारण कई दफा इमजरेंसी मरीज की जान पर आफत तक आ बनी है. साथ ही बार-बार फाटक बंद होने के चलते जल्दबाजी के कारण दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती थी.
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