अजय सिंह, चाईबासा
Chainasa News: पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष दीपावली में पेंटिंग सामग्री की कीमत में दस प्रतिशत से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. फिर भी लोगों का उत्साह कम नहीं है. लोग महंगाई को पीछे छोड़ अपने घरों को मनमोहक रूप देने में लगे हुए हैं. दुर्गापूजा के बाद से ही दीपावली की तैयारी में आमलोग जुट जाते हैं. घरों व दुकानों की साफ-सफाई, रंग-रोहन का कार्य दुर्गापूजा से ही शुरू हो जाता है. मजदूरों की खींचतान के कारण दशहरा की समाप्ति के बाद उनका भी रेट बढ़ जाता है. बढ़ती महंगाई के कारण कई लोग अपने पूरे घर को तो नहीं लेकिन आवास के फ्रंट साइड को पूरा तरह से चमकाने में जुटे हुये हैं.
ग्रामीणों क्षेत्रों में काम आने वाला चूना भी हुआ महंगा
चाईबासा शहर के विभिन्न पेंट दुकानदारों से बात करने पर पता चला कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष पेंट सामग्री की कीमत में दस फ़ीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है. चूना भी दो से तीन रुपये प्रति किलो महंगा हो गया है. चूना से ग्रामीण क्षेत्र के अधिकतर लोग अपने घरों की पोताई करते हैं. इस बार उन्हें भी अधिक खर्च करना पड़ रहा है. पेंटिंग ब्रश की कीमतों में भी खासी उछाल आयी है.
मजदूरों के रेट में भी 25 से 50 प्रतिशत तक की वृद्वि
इस वर्ष मजदूरी के रेट में भी जबरदस्त उछाल आयी है. पिछले वर्ष एक सामान्य मजदूर तीन सौ रुपये प्रति दिन की मजदूरी पर काम करने के लिये तैयार हो जाता था, लेकिन इस बार मजदूरों ने भी प्रतिदिन का रेट चार सौ से लेकर पांच सौ रुपया तक कर दिया है. यानी मजदूरी में सीधे 25 फीसदी से अधिक की वृद्वि हुयी है. अधिकतर मजदूर अब प्रतिदिन के हिसाब से काम करने के बजाये आवास देखकर ठेका पर काम ले रहे हैं. दो कमरा, किचन, बाथरूम, बरामदा वाले एक आवास का रंग-रोहन का ठेका चार से पांच हजार रुपया में लिया जा रहा है.
महंगाई के कारण मजदूर के बजाये अपने काम कर रहे हैं लोग
महंगाई से आमलोग परेशान तो जरूर हैं, इसके बाद भी वह दीपावली की चमक कम नहीं होने देना चाहते हैं. महंगाई कम करने के लिये कई लोग मजदूरों के बजाये अपने परिवार के सदस्यों के साथ घरो को रंग-रोहन करने में जुट गये हैं. पेंट व्यवसायियों के अनुसार, पूरे साल पेंट के कारोबार में सुस्ती रहती है. अभी धनतेरस में पांच दिन और दीपावली में एक सप्ताह शेष हैं. धनतेरस तक उनका व्यवसाय बूम पर रहेगा. पेंट की बढ़ती कीमतों व टाइल्स के चलन के बाद भी दीपावली के कारण व्यवसाय पर असर नहीं पड़ा है. चाईबासा में एक सौ से अधिक पेंट की दुकानें हैं.
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष पेंटिंग सामग्री का मूल्य
सामग्री इस वर्ष का मूल्य विगत वर्ष का मूल्य
फेविकोल 100 से 120 रुपये प्रति किलो 80 से 100 रुपये प्रति किलो
चुना सात से दस रुपये प्रति किलो पांच से आठ रुपये प्रति किलो
वाइट सिमेंट 35 से 40 रुपये प्रति किलो 28 से 32 रुपये प्रति किलो
डिस्टेंपर 50 से 65 रुपये प्रति किलो 35 से 50 रुपये प्रति किलो
प्राइमर 140 से 170 रुपये प्रति किलो 110 से 130 रुपये प्रति किलो
एनामेल पेंट 240 से 260 रुपये प्रति किलो 180 से 220 रुपये प्रति किलो
क्या कहते हैं दुकानदार
पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष पेंटिंग सामग्री की कीमत में दस से बीस प्रतिशत की बढ़ोतरी हुयी है. इसके बाद भी लोग दीपावली में अपने घर को मनमोहक रंग देने में जुटे हुये हैं. कीमत बढ़ने के बाद भी मांग में कमी नहीं आयी है. अभी धनतेरस तक दुकानों में ग्राहकों का आना-जाना लगा रहेगा.
– केशव दुदराजका, डायमंड ग्लास एंड हार्डवेयर, टुंगरी, चाईबासा
महंगाई के कारण लोगों में उत्साह कम है. इसके बाद भी लोग दीपावली पर अपने घर के अगले हिस्से को मनमोहक रूप देने में लगे हुये हैं. लेबर चार्ज में भी 25 से लेकर 50 प्रतिशत तक वृद्वि हुयी है. कई लोग खुद अपने परिवार के साथ मिलकर आवास का रंग-रोहन कर रहे हैं.
– मो. शालीम जफर, शहादत हार्डवेयर, बड़ी बाजार, चाईबासा
रूस-युक्रेन युद्व व बढ़ती ईधन की कीमत के कारण ट्रांसपोर्ट के रेट में काफी इजाफा हुआ है. विगत वर्ष जो ट्रांसपोर्टिंग चार्ज एक हजार रुपया था. वह बढ़कर 15 सौ रुपया हो गया है. पेंट कंपनी ने अपने उत्पादों का कीमत दीपावली पर दस से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी कर दी है. कई नौकरी वाले लोग भी मजदूर के बजाये अपने से घरो की रंगाई का काम कर रहे हैं.
– रिजवान अख्तर, मजीद हार्डवेयर, बड़ी बाजार, चाईबासा