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Chaibasa News : राज्य के सभी विवि व महाविद्यालय में भाषा विभाग की स्थापना कराएं

चाईबासा : झारखंड पुनरुत्थान अभियान ने 10 सूत्री मांगों को लेकर किया धरना-प्रदर्शन

चाईबासा.गैर राजनीतिक सामाजिक संगठन झारखंड पुनरुत्थान अभियान ने 10 सूत्री मांगों को लेकर शुक्रवार को एसडीओ कार्यालय के समक्ष एक दिवसीय धरना प्रदर्शन किया. धरना प्रदर्शन की अध्यक्षता अभियान के मुख्य संयोजक सन्नी सिंकु और संचालन जिला संयोजक अमृत मांझी ने किया. धरना प्रदर्शन की शुरुआत में वीर शहीद गंगा नारायण सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित की गयी. इधर, धरना प्रदर्शन के बाद एक प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल के नाम उपायुक्त कुलदीप चौधरी को 10 सूत्री मांग पत्र सौंपा. पत्र में झारखंडियों की पारंपरिक, सामाजिक, रूढ़ीजन्य स्वशासन प्रथा से संगत पंचायत उपबंध (अनुसूचित क्षेत्रों में विस्तार) अधिनियम 1996 को अक्षरशः लागू करने, झारखंडियों की भाषा, संस्कृति, लिपि का विकास, संरक्षण और संवर्द्धन करने के साथ ही बहुलता के आधार पर राज्य के सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय में भाषा विभाग की स्थापना और सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना करने, केयू में स्थाई कुलपति की नियुक्ति, टाटा कॉलेज चाईबासा में विधि संकाय की स्थापना करने आदि मांगें शामिल हैं.

पूर्वजों ने हमेशा जमीन बचाने के लिए दिया बलिदान : बोबोंगा

झारखंड आंदोलनकारी सह पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा ने कहा हमारे पूर्वजों ने कोई सत्ता संघर्ष के लिए कभी नहीं लड़ा, बल्कि हमेशा जमीन बचाने के लिए ही बलिदानी दिया है. मसलन कोल विद्रोह, संताल विद्रोह, मुंडा विद्रोह जल, जंगल, जमीन की रक्षा करने के लिए ही हुआ था. इसलिए हमारी मांग चाईबासा, जगन्नाथपुर पीडब्ल्यूडी सड़क पर ही फ्लाइओवर के निर्माण करने की है. अगर कोई पीडब्ल्यूडी सड़क का अतिक्रमण किया है, तो सरकार और विभाग उन्हें अतिक्रमण मुफ्त कराने का काम करे. जल, जंगल, जमीन से हमारा जन्म-जन्म का नाता है.

कृषि भूमि को अधिग्रहण से मुफ्त के लिए संघर्षरत : सिंकु

झारखंड पुनरुथान अभियान के मुख्य संयोजक सन्नी सिंकु ने कहा अंग्रेजों के द्वारा बनाये गया भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 में संशोधन इसीलिए किया गया, ताकि किसानों की बहुफसली सिंचित कृषि भूमि को खाद्य सुरक्षा के दृष्टिकोण से बचाया जा सके. झारखंड पुनरुत्थान अभियान किसानों की बहुफसली सिंचित कृषि भूमि को अधिग्रहण से मुफ्त रखने के लिए संघर्षरत है. ताकि किसानों के सामने खाद्य सुरक्षा का संकट न आये.

इन्होंने भी अपने विचार रखे

खूंटकट्टी रैयत रक्षा समिति सदर अनुमंडल के अध्यक्ष बलभद्र सावैयां, रैयत संघर्ष समन्वय समिति जगन्नाथपुर अनुमंडल के उपाध्यक्ष विकास केराई, सलाहकार गंगाराम सिंकु, खूंटकट्टी रैयत रक्षा समिति लिसिया और झारखंड पुनरुत्थान अभियान के संस्थापक सदस्य कोलंबस हांसदा, ईचा खरकई बांध विरोधी संघ के उपाध्यक्ष रेयान सामड, जोहार संस्था की रमेश जेराई, आदिवासी स्वशासन एकता मंच के केंद्रीय अध्यक्ष कुसुम केराई, हो समाज सेवानिवृत संगठन के मुनेश्वर पुरती आदि.

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