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सीएम की तानाशाही नहीं चलेगी, कोल्हान के 87 गांवों में झामुमो को घुसने नहीं देंगे

ईचा-खरकई बांध विरोधी संघ ने बैठक कर लिया निर्णय

By Prabhat Khabar News Desk | April 15, 2024 11:37 PM

तांतनगर. ईचा-खरकई बांध विरोधी संघ ने बैठक कर लिया निर्णय

तांतनगर.

तांतनगर प्रखंड के ईचा डैम प्रभावित क्षेत्र कुलाबुरु, सीनी, गाइरासाई में सोमवार को ईचा-खरकई बांध विरोधी संघ के बैनर तले ग्रामीणों ने बैठक की. इसमें ग्रामीणों ने एक स्वर में कहा कि ईचा डैम रद्द करने का वादा कर सत्ता पर काबिज होने के बाद झामुमो वादे से मुकर गया. ऐसे में हम मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को डूब क्षेत्र में घुसने नहीं देंगे. उन्हें डूब क्षेत्र में चुनाव प्रचार-प्रसार की कोई जरूरत नहीं है. झामुमो डूब क्षेत्र में प्रचार-प्रसार करेगा, तो पुरजोर विरोध कर खदेड़ा जायेगा. संघ के अध्यक्ष बीरसिंह बिरुली ने मुख्यमंत्री का ईचा डैम मामले में आदिवासियों के साथ तानाशाही रवैया नहीं चलेगा. मुख्यमंत्री ने ईचा डैम रद्द नहीं होगा बयान दिया है, इसका विरोध करते हैं. झामुमो ने डैम को मुद्दा बनाकर जीत हासिल की. सरकार से उम्मीद के विपरीत कार्यशैली बर्दाश्त नहीं करेंगे. मुख्यमंत्री, मंत्री व विधायकों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा. उन्होंने कहा कि कोल्हान के 87 गांवों में झामुमो को घुसने नहीं दिया जाएगा. संघ ने इसकी शुरुआत कुलाबुरु, गाइरा साई, सीनी से आगाज की. ग्रामीणों ने धोखा का जवाब वोट से देने का संकल्प लिया. ज्ञात को कि संघ का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिला था. ईचा डैम को रद्द करवा कर आदिवासी व मूलवासियों को विस्थापित होने से बचाने की विनती की. मुख्यमंत्री के रवैया व कार्यप्रणाली से नाराज होकर संघ के प्रतिनिधि व आंदोलनकारी उनके आवास से बाहर निकले थे. बैठक में योगेश कालुंडिया, गुलिया कालुंडिया, मारकंडे बांडरा, बब्लू बरजो, सुनील बाड़ा, प्रदीप जोंको, बिरसा गोडसोरा, राजेश सोय, मोनसा बोदरा, सालुका बारी, मोटा गोप, साधु चरण गोप आंदोलनकारी और ग्रामीण शामिल थे.

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