चाईबासा.कोल्हान विश्वविद्यालय के नये कुलसचिव के रूप में शुक्रवार को डॉ परशुराम सियाल ने पदभार ग्रहण किया. कुलपति सह कोल्हान आयुक्त कार्यालय में निवर्तमान कुलसचिव डॉ राजेन्द्र भारती ने पदभार सौंपा. नये कुलसचिव को बुके भेंटकर स्वागत किया गया. डॉ सियाल चक्रधरपुर के जेएलएन कॉलेज के राजनीति विज्ञान के विभागाध्यक्ष हैं. वे कोल्हान विवि के पीजी विज्ञान विभाग में विभागाध्यक्ष भी रहे हैं. वर्ष 1996 में डॉ सियाल ने जेएलएन कॉलेज चक्रधरपुर से शिक्षा देने की शुरुआत की. वे दिल्ली के जेएनयू से एमएम, एमफिल व पीएचडी कर चुके हैं. उनकी छवि विवि में नियमों के तहत शांतिपूर्वक काम करने वाले की है. शांत व गंभीर स्वभाव के डॉ सियाल से सभी विभागों के विभागाध्यक्ष समेत कर्मियों ने मुलाकात की. डॉ सियाल ने अपनी प्राथमिकता के बारे में बताया. उन्होंने कहा कि उनकी जिम्मेदारी के दायरे में आने वाले काम को सबके सहयोग से पूरा करेंगे. पूर्व में कुछ महत्वपूर्ण कार्य लंबित पड़े हैं. उसकी जानकारी लेकर पूरा करायेंगे.
कुलसचिव का स्वागत व विदाई समारोह आयोजित
कोल्हान विश्वविद्यालय के सीनेट हॉल में शुक्रवार को निवर्तमान कुलसचिव डॉ. राजेन्द्र भारती की विदाई व नये कुलसचिव डॉ परशुराम सियाल का स्वागत किया गया. केयू के निवर्तमान कुलसचिव डॉ भारती ने कहा कि एक वर्ष के कार्यकाल में उन्होंने प्रशासनिक जिम्मेदारी को संभालते हुए बहुत चीजों को समझा है. बहुत ही विषम स्थिति में विश्वविद्यालय का संचालन सभी प्रशासनिक पदाधिकारियों व कर्मियों के सहयोग के द्वारा किया है. जब भी हमारी आवश्यकता पड़ेगी विश्वविद्यालय को मैं उपस्थित हो जाउंगा. वहीं, नये कुलसचिव ने कहा कि सबके सहयोग से विश्वविद्यालय के दायित्व काे अच्छे तरीके से निर्वाह करूंगा. मौके पर केयू के डीएसडब्लू डॉ एससी दास, केयू के उपकुलसचिव एमके मिश्रा आदि मौजूद थे.केयू के नये वित्त परामर्शदात्री बने एसके मिश्रा
कोल्हान विश्वविद्यालय के नये वित्त परामर्श दात्री के रूप में राज्यपाल सचिवालय से श्रीकांत किशोर मिश्रा के नाम की अधिसूचना जारी की गयी है. विश्वविद्यालय सूत्रों के अनुसार श्री मिश्रा 3 या 4 दिसंबर को अपना पदभार ग्रहण कर सकते हैं. राज्य के छह विश्वविद्यालयों के लिए अलग-अलग वित्त परामर्शदात्री की अधिसूचना जारी की गयी है. कोल्हान विश्वविद्यालय में लंबे समय से वित्त परामर्शदात्री के अभाव में वित्त से संबंधित फाइलों को राजभवन भेजा जाता था. इससे महत्वपूर्ण कार्य प्रभावित हो रहा था.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है