जानकारी की कमी के कारण वज्रपात से होती है मौत
‘वज्रपात : एक आपदा’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन
कोल्हान विवि : भूगोल विभाग में वज्रपात एक आपदा विषय पर व्याख्यान आयोजित
चाईबासा.
कोल्हान विश्वविद्यालय के स्नातकोतर भूगोल विभाग में सोमवार को ‘वज्रपात : एक आपदा’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन हुआ. इसमें मुख्य वक्ता ओडिशा के मोहन विश्वविद्यालय बालासोर के शिक्षाविद् प्रोफेसर डॉ मनोरंजन मिश्रा फकीर ने बताया कि प्राकृतिक आपदा में सबसे ज्यादा मृत्यु वज्रपात से होती है. प्रोफेसर मिश्रा ने रेड हॉट रूट की चर्चा की, जिसके अंतर्गत ओडिशा, झारखंड, बांग्लादेश और मेघालय आते हैं. इस रेड हॉट रूट में सबसे ज्यादा वज्रपात की घटना पश्चिम सिंहभूम जिले में होती है. वज्रपात से प्रभावित क्षेत्रों में 96% हिस्सेदारी ग्रामीण क्षेत्र की होती है, जहां किसान न सिर्फ अपनी जान गंवाते हैं, बल्कि अपने पशुधन से भी हाथ धो देते हैं. प्रोफेसर मिश्रा ने वज्रपात से होने वाली क्षति का प्रमुख कारण जानकारी का अभाव होना बताया.वज्रपात से बचाव के उपाय
1. बारिश से बचने के लिए पेड़ों के नीचे ना जाएं2. ग्रामीण क्षेत्रों में खेतों में शेल्टर होम का निर्माण किया जाये3. घरों की संरचना में सेमी फराडे तकनीक का प्रयोग हो