लोकसभा चुनाव 2024: सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा बोलीं, लोकतंत्र में हिंसा की जगह नहीं, झामुमो की तानाशाही नहीं की जाएगी बर्दाश्त

लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर सियासी पारा गर्म है. सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा की जगह नहीं है. झामुमो की तानाशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. बता दें कि रविवार को उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया था.

By Guru Swarup Mishra | April 15, 2024 10:25 PM

चाईबासा/तांतनगर: सरायकेला के गम्हरिया के मोहनपुर में रविवार को हुई घटना के बाद सिंहभूम का सियासी पारा चढ़ गया है. सत्तारूढ़ और विपक्ष के बीच जुबानी जंग चरम पर है. आरोप-प्रत्यारोप भी तेज हो गया है. इसी क्रम में सिंहभूम सीट से सांसद और भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा ने सोमवार को कहा कि उसके साथ हुआ दुर्व्यवहार झामुमो प्रायोजित था. घटना काफी निंदनीय और चिंतनीय है, जिसका हम कड़ा विरोध करते हैं. लोकतंत्र में हिंसा के लिए कोई स्थान नहीं है. उन्होंने ये बातें मंझारी और कुमारडुंगी प्रखंड के गांवों में चुनाव प्रचार के दौरान कहीं. उन्होंने कहा कि जो लोग मेरा विरोध कर रहे थे, वो उस गांव के लोग नहीं थे. मोहनपुर मुख्यमंत्री का क्षेत्र है. विरोध करने के लिए झामुमो ने पहले से ही फौज तैयार कर रखी थी. झामुमो के ऐसे तानाशाही रवैये को बर्दाश्त नहीं किया जायेगा. उल्लेखनीय है कि रविवार को गम्हरिया प्रखंड के मोहनपुर में चुनाव प्रचार के दौरान सांसद गीता कोड़ा से झामुमो समर्थकों की झड़प हो गयी थी और उन्हें तीन घंटे तक बंधक बनाकर रखा गया था. झड़प में कई लोग घायल हो गये थे. इनमें से पांच नामजद समेत 40-50 के खिलाफ गम्हरिया थाने में शिकायत दर्ज करायी गयी थी.

देर रात सांसद के खिलाफ ग्रामीणों ने किया प्रदर्शन, भाजपा कार्यकर्ताओं पर मामला दर्ज
गम्हरिया: रविवार को गम्हरिया के मोहनपुर में सांसद गीता कोड़ा को बंधक बनाये जाने के बाद झामुमो समर्थकों पर मामला दर्ज कराये जाने से ग्रामीण भड़क गये. इसको लेकर रविवार की देर रात सैकड़ों की संख्या में बुरूडीह व रापचा पंचायत के ग्रामीण गम्हरिया स्थित सरना उमूल पहुंचे. घटना पर आक्रोश प्रकट करते हुए सांसद के खिलाफ प्रदर्शन किया. इसके पश्चात ट्रैक्टर पर सवार होकर सभी गम्हरिया थाना पहुंच घटना में शामिल भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ ग्रामीणों को जाति सूचक शब्द कहने तथा मारपीट करने की प्राथमिकी दर्ज करायी.

क्या है ग्रामीणों की प्राथमिकी में
ग्रामीणों द्वारा गम्हरिया थाना में दर्ज करायी गयी प्राथमिकी में कहा गया है कि रविवार 14 अप्रैल को भाजपा प्रत्याशी सह सांसद गीता कोड़ा क्षेत्र में प्रचार करने आयी थीं. इसी दौरान मुर्गाघुटू तिलका चौक में ग्रामीणों द्वारा सांसद से पांच साल में एक बार भी नहीं आने को लेकर सवाल करने पर भाजपाई भड़क गये. इस दौरान प्रखंड अध्यक्ष अमित सिंहदेव, पुष्टी गोप, चिन्मय महतो, सुनीता मिश्रा ने जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए गाली-गलौज करने लगे. इसी बीच, भाजपा नेता गणेश महली, रमेश हांसदा, रश्मि साह, गौरीशंकर टुडू, बाबूराम मार्डी व संगीता कुमारी ने ग्रामीणों के साथ मारपीट शुरू कर दी. महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार करते हुए ग्रामीणों को जान से मारने की धमकी दी.

ALSO READ: लोकसभा चुनाव 2024: सीएम चंपाई सोरेन बोले, झारखंड में बीजेपी का नहीं खुलेगा खाता, सभी 14 सीटों पर इंडिया गठबंधन की होगी जीत

क्या है भाजपा की प्राथमिकी में
भाजपा महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष रश्मि साहू द्वारा थाने में की गयी प्राथमिकी के अनुसार, विवाद कांड्रा थाना अंतर्गत श्रीधरपुर में ही शुरू हो गया था. उस वक्त सांसद का काफिला ग्रामीणों को समझाते हुए रास्ता बदलकर सालमपाथर, मुर्गाघुटू होते हुए बुरूडीह पहुंचा. उधर से लौटते समय मोहनपुर गांव पहुंचा. इसी दौरान अचानक मुर्घाघुटू गांव तथा बुरूडीह पंचायत के 40-50 की संख्या में महिला-पुरुष मोहनपुर पहुंच प्रचार नहीं करने की चेतावनी दी. होपना मार्डी व शंकर टुडू नामक झामुमो समर्थक ने गलत नीयत से सीने पर वार किया, जिससे उनकी कुर्ती फट गयी. उन्हें भीड़ से अलग ले जाने का प्रयास किया. भीड़ में शामिल लक्ष्मण टुडू व मोहन नायक ने गलत नीयत से सुनीता मिश्रा पर भी हमला करते हुए उन्हें गोद में उठाकर दूसरे तरफ करने का प्रयास किया. इसी क्रम में अमित सिंहदेव, गणेश माहली, आदर्श कुमार, गणेश कोड़ा आदि कार्यकर्ता बीच-बचाव करने आये तो वासुदेव बेसरा, वाणीराम बेसरा, धोमसा सोरेन समेत पांच-छह अन्य झामुमो समर्थकों ने धारधार हथियार से जानलेवा हमला किया.

एसपी पहुंचे गम्हरिया थाना, मामले की ली जानकारी
सोमवार की शाम एसपी मनीष टोप्पो गम्हरिया थाना पहुंचे. उन्होंने थाना प्रभारी से घटना की जानकारी ली. साथ ही, आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी. उनके साथ एसडीपीओ संतोष मिश्रा भी थे.

लोगों ने की गम्हरिया थाना प्रभारी को हटाने की मांग
घटना को लेकर लोगों में पुलिस के प्रति आक्रोश है. रविवार को पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने भी घटना को स्थानीय प्रशासन की लापरवाही बतायी थी. पुलिस की मौजूगी में इस प्रकार की घटना घटित होने से आक्रोशित लोगों ने गम्हरिया थाना प्रभारी को हटाने की मांग की है. लोगों ने कहा कि अगर थाना प्रभारी चाहते तो मामला शांत हो जाता, लेकिन वह भीड़ के बीच मूकदर्शक बने रहे. वहीं, स्थानीय भाषा (संताली) की जानकारी नहीं होने की वजह से ग्रामीणों की बातों को समझने में दिक्कत हो रही थी. इसकी वजह से मामला बढ़ता गया.

सांसद के रूट चार्ट में नहीं था मोहनपुर का नाम
भाजपा प्रयाशी गीता कोड़ा का गम्हरिया प्रखंड क्षेत्र में दौरा को लेकर तैयार किया गया मिनट-टू-मिनट रूट चार्ट में मोहनपुर का नाम नहीं था. इसके बाद भी प्रचार में शामिल काफिला का मोहनपुर जाना चर्चा में है. रूट चार्ट के अनुसार, सुबह साढ़े नौ बजे गोपीनाथपुर से शुरू होकर प्रचार का काफिला डुमरा, कांड्रा आदि क्षेत्रों से होते हुए बुरूडीह जाना था. वहीं, दोपहर ढाई बजे बुरूजीह से सालमपाथर, पिंड्राबेड़ा होते हुए रापचा जाना था, लेकिन उनका काफिला उक्त रूट को छोड़ मुर्गाघुटू होकर मोहनपुर चला गया. अगर सांसद के काफिले में शामिल लोग रूट चार्ट के अनुसार प्रचार करते तो शायद यह घटना नहीं होती.

घटना में शामिल लोग ग्रामीण थे, झामुमो या सीएम से कोई संबंध नहीं
मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा द्वारा घटना को मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के इशारे पर कराये जाने के आरोप को झामुमो ने गलत बताया है. मामले को लेकर गम्हरिया स्थित सरना उमूल में झामुमो जिलाध्यक्ष डॉ शुभेंदू महत ने कहा कि विरोध में शामिल लोग साधारण ग्रामीण थे, जिनका झामुमो से कोई लेना-देना नहीं है. वहीं, मामले में मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन या झामुमो की किसी भी तरह की संलिप्तता नहीं है. भाजपा की ओर से झामुमो को बदनाम करने के लिए घटना को अंजाम दिलाया गया. मौके पर उपस्थित झामुमो के केंद्रीय सदस्य रामदास टुडू ने कहा कि सांसद गीता कोड़ा जब महागठबंधन में थी, तब उन्हें कई बार कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया था, लेकिन वह नहीं आयीं. इन्हीं सब वजहों से क्षेत्र के लोगों में उनके प्रति आक्रोश है. प्रेस वार्ता में केंद्रीय सदस्य रामदास टुडू, बीरेंद्र प्रधान, अमृत महतो, जगदीश महतो, दीपक मंडल, अविनाश सोरेन, गुरबा मार्डी, बबलू प्रधान, उत्तम दास आदि शामिल थे.

जैसी फसल लगाएंगें, फल वैसा ही मिलेगा : सागेन पूर्ति
जमशेदपुर: झामुमो के पूर्वी सिंहभूम जिला उपाध्यक्ष सागेन पूर्ति ने कहा है कि सरायकेला-खरसावां जिले के गम्हरिया में गीता कोड़ा और उनके समर्थकों का विरोध बताता है कि जनता जागरूक हो चुकी है. जनता जिस आशा और विश्वास के साथ अपना कीमती वोट देकर चुनाव में जीत दिलाती है और उसके विपरीत आचरण करने पर हिसाब भी लेती है. श्री पूर्ति ने सोमवार को साकची संपर्क कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में ये बातें कहीं. उन्होंने कहा कि कोल्हान की जनता ने जल, जंगल व जमीन और आदिवासियों की अस्तित्व की रक्षा के लिए गीता कोड़ा को सांसद बनाया. लेकिन उसने कभी भी आदिवासियत को बचाने के लिए आवाज नहीं उठायी. सीएनटी और एसपीटी एक्ट को अक्षरश: लागू करने के लिए अपने स्तर से कोई पहल तक नहीं की. वहीं, सरना धर्म कोड के मामले में भी हमेशा चुप्पी साधे रखी. जनता का धैर्य तब टूटा, जब उसने जल, जंगल व जमीन और आदिवासियों की अस्तित्व को मिटाने वाली पार्टी से अपना हाथ मिला लिया. श्री पूर्ति ने कहा कि जो जैसी फसल लगायेगा, उसका फल भी वैसा ही मिलेगा. गम्हरिया में हुई घटना के लिए गीता कोड़ा पूरी तरह से खुद जिम्मेदार हैं. अभी तो उन्हें केवल एक ही जगह विरोध का सामना करना पड़ा है. आगे पूरे कोल्हान में विरोध का सामना करना पड़ेगा. उसने पूरे कोल्हान की जनता से छल किया है. उनके सपनों को चकनाचूर किया है. झामुमो के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी से उन्हें जनता का समर्थन नहीं मिलने वाला है.

मोहनपुर में लोकतंत्र की हत्या हुई है : मनोज चौधरी
सरायकेला: गम्हरिया के मोहनपुर गांव में सिंहभूम की भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा पर हमला करना लोकतंत्र को कलंकित करने वाला काम है. उक्त बातें भाजपा नेता मनोज चौधरी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कही है. उन्होंने कहा कि घटना अत्यंत निंदनीय है. एक तरफ पूरा देश संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉक्टर भीमराव आंबेडकर की जयंती मना रहा था, वहीं जिले में लोकतंत्र को कलंकित किया गया. झारखंड भी अब बंगाल की राह पर है. झामुमो का डराने का तरीका बहुत पुराना है. प्रशासन की नाकामी से घटना हुई है. सीएम के गृह क्षेत्र में यह हाल है, तो राज्य का क्या होगा.

Next Article

Exit mobile version