Chaibasa News : रामतीर्थ में 14 को मकर संक्रांति का मेला, चार राज्यों से जुटेंगे श्रद्धालु
जैंतगढ़ : दो राज्यों के संगम पर तीन मंदिरों का केंद्र है रामतीर्थ, लाखों का होता है कारोबार
जैंतगढ़.रामतीर्थ पवित्र वैतरणी नदी की तट पर स्थित है. यह झारखंड-ओडिशा की सीमा पर जैंतगढ़ से मात्र 9 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. यहां धाम में हर साल 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर विशेष धार्मिक मेले का आयोजन होता है. जिसमें झारखंड, ओडिशा, बिहार और बंगाल से श्रद्धालु मकर के अवसर पर पूजा करने और मेला भ्रमण को आते हैं. मालूम हो कि मकर मेला में दूरदराज से मीना बाजार, झूला, होटल, खिलौने, कपड़े, पूजा सामग्री व साज सज्जा के सामान की दुकान लगती हैं. इस दौरान करीब एक करोड़ के कारोबार अनुमान जताया गया है. इधर, मकर के बाद लगन का दौर शुरू हो जाता है. मेले में परिवार वाले अपने बच्चों के लिए जोड़ियों की तलाश कर संबंध को आगे बढ़ाते हैं.
क्या है खास
मेले में गन्ना, गुड़ पीठा, फेनी, लाई के लड्डू और बच्चों के खिलौने खास होते हैं. मेला भ्रमण करने वाले टोपी और गन्ना जरूर खरीदते हैं. मेले में औरतें चाट और गुपचुप का खूब आनंद लेती हैं.भगवान राम ने शिवलिंग स्थापित कर पूजा की थी
मालूम हो कि रामचंद्रजी ने वनवास काल में यहां विश्राम कर अपने हाथों से शिवलिंग स्थापित कर पूजा की थी. रामचंद्रजी के खड़ाऊं और चट्टान पर स्थित पदचिह्न आज भी सुरक्षित हैं. रामतीर्थ में शिव मंदिर, सीताराम मंदिर व जगन्नाथ मंदिर स्थित है. यहां हर सोमवार, पूरे श्रावण माह, रथ यात्रा के अलावा रोज पूजा होती है. यहां शादी विवाह का आयोजन होता है.रामतीर्थ को स्वर्ग द्वार का दर्जा प्राप्त
रामतीर्थ को स्वर्ग द्वार का दर्जा प्राप्त है. हिन्दू धर्म में मान्यता है कि जिस जगह पर नदी उत्तर की ओर बहती है, उस स्थल को स्वर्ग द्वार माना जाता है. यहां पर भी एक स्थान पर नदी घुमावदार होते हुए उत्तर की ओर बहती है. लोग यहां अर्थियां विसर्जन करते हैं.
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