Chaibasa News : नप गुदड़ी बाजार से रोज वसूलती है महसूल, पर भूल जाती है सुविधाएं देना

गुदड़ी बाजार में रोज लगती हैं 400 से अधिक अस्थायी दुकानें

By Prabhat Khabar News Desk | November 18, 2024 11:12 PM

किसानों ने बाजार के अंदर बैठने की व्यवस्था कराने की मांग की

संवाददाता, चक्रधरपुरशहर के गुदड़ी बाजार में कचरे का अंबार लगा है. यह बाजार लगभग सौ साल पुराना है, पर यहां सुविधा के नाम पर कुछ नहीं है. बाजार में लगभग 400 दुकानें रोज लगती हैं. नगर परिषद प्रत्येक दुकान से रोजाना न्यूनतम 10 रुपये महसूल वसूलती है. इस तरह से नगर परिषद को रोजाना करीब 4000 रुपये की आमदनी होती है. समय बढ़ते जा रहा है, पर गुदड़ी बाजार में समस्याएं जस की तस बनी है. बाजार का अतिक्रमण होने से ग्राहकों को आवागमन में परेशानी होती है. गुदड़ी बाजार में न तो पेयजल की सुविधा है और न ही बिजली की व्यवस्था है. साफ-सफाई की समुचित व्यवस्था नहीं है. गुदड़ी बाजार में सैकड़ों ग्रामीण अपना उत्पाद बेचने रोज आते है. ग्रामीण किसानों के लिए गुदड़ी बाजार में कोई उचित स्थान नहीं है. इस कारण ग्रामीण किसान गुदड़ी बाजार के चारों ओर बनी फुटपाथ पर उत्पादों को बेचने को मजबूर हैं. बाजार के सामुदायिक शौचालय की स्थिति ठीक नहीं है.

दुकान के आगे सामान रख देने से सड़क हो गयी संकीर्ण

बाजार की समस्याओं को लेकर जांच पड़ताल की गयी. बाजार में घुसते ही चारों ओर अव्यवस्था नजर आयी. कपड़ा पट्टी रोड, सरफराज क्वार्टर रोड, पोस्ट ऑफिस रोड में अवैध तरीके से दुकानें सजी हैं. दुकानों के आगे फल व सब्जियों के ठेले लगे थे. ग्रामीण किसान अपनी सब्जी को नाली के किनारे बेचते दिखे. बाजार पूरी तरह अतिक्रमण की जद में है. दुकानदारों ने अवैध तरीके से सामानों को दुकान के बाहर लगा दिये हैं. इस कारण सड़क पूरी तरह संकीर्ण हो गयी है. गुदड़ी बाजार में प्रत्येक दिन लाखों का कारोबार होता है. प्रत्येक दिन यहां बाजार लगता है. बावजूद इसके ग्राहकों की सुविधा के नाम पर कोई व्यवस्था नहीं है.

बाजार के पास पूरा दिन लगा रहता है जाम

बाजार के लोगों बताया कि अतिक्रमण के चलते यहां पूरा दिन जाम लगा रहता है. यहां आये दिन झगड़ा झंझट व दुर्घटनाएं होती रहती हैं. बावजूद जिम्मेदारों का कोई ध्यान नहीं है. बरसात में बाजार परिसर से जल निकासी की कोई सुविधा नहीं है. बरसात के दिनों में बाजार कीचड़मय हो जाता है. बाजार में बिजली व्यवस्था नहीं रहने से शाम में अंधेरा छा जाता है. वहीं गर्मी के दिनों बाजार में रहने वाले लोगों को पानी के लिए भटकना पड़ता है. एक चापाकल के सहारे लोगों का काम चल रहा है. बाजार वासियों के साथ ग्राहकों को भी पानी खरीदकर पीना पड़ता है. बाजार में कहीं भी पार्किंग की सुविधा नहीं है. लोग अपने वाहनों को सड़क पर ही खड़ी कर देते हैं. इस कारण बाजार के पास जाम की समस्या बनी रहती है. ग्रामीण किसानों ने कहा कि नगर परिषद महसूल प्रतिदिन वसूलती है. ग्रामीण किसानों को नाली के किनारे बैठकर अपने उत्पादों को बेचना पड़ता है. ग्रामीण किसानों ने बाजार के अंदर बैठने की व्यवस्था कराने की मांग की है.

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