Jharkhand Naxal News: प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के केंद्रीय कमेटी के एरिया कमांडर सह मारक दस्ता का सदस्य कुलदीप उर्फ कुलदीप गंझू उर्फ टुइलू (25 वर्ष) ने मंगलवार को पश्चिमी सिंहभूम के चाईबासा में पुलिस अधिकारियों के समक्ष अपने राइफल के साथ आत्मसर्मपण कर दिया. वह रांची जिले के बुड़मू स्थित कनाड़ी गांव का रहने वाला है. यह नक्सली मिसिर बेसरा उर्फ सागर टीम का सक्रिय, विश्वासपात्र और मारक दस्ता का सदस्य है.
सरकार की सरेंडर नीति से हुआ प्रभावित
एरिया कमांडर कुलदीप ने सरकार की आत्मसर्मपण नीति ‘नयी दिशा’ से प्रभावित होकर मुख्यधारा में लौटने के लिए यह कदम उठाया है. कुलदीप का आत्मसर्मपण कार्यक्रम चाईबासा पुलिस लाइन स्थित फुटबॉल मैदान में हुआ. इस दौरान कोल्हान क्षेत्र के डीआईजी अजय लिंडा, पश्चिमी सिंहभूम एसपी आशुतोष शेखर समेत सीआरपीएफ और जिला पुलिस के सभी वरीय पदाधिकारी मौजूद थे.
कोल्हान-पोड़ाहाट के जंगलों की पूरी जानकारी है कुलदीप के पास
मंच पर मौजूद सभी पदाधिकारियों ने नक्सली कुलदीप को मुख्यधारा में लौटने पर माला पहनाकर स्वागत किया और उसकी पीठ थपथपाई. डीआईजी श्री लिंडा ने कहा कि कोल्हान-पोड़ाहाट के सुदूर जंगली-पहाड़ी क्षेत्रों के चप्पे-चप्पे की जानकारी कुलदीप को है. पिछले 12 साल से यह नक्सली संगठन में सक्रिय था. पुलिस के चल रहे लगातार अभियान, बढ़ती दबीश और नक्सली संगठन के आंतरिक शोषण से क्षुब्ध होकर इसने आत्मसर्मपण करने का निर्णय लिया है.
कुलदीप को भेजा जाएगा कैंप जेल
डीआईजी ने कहा कि झारखंड सरकार की आकर्षक प्रत्यार्पण एवं पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर कुलदीप ने समाज के मुख्यधारा से जुड़कर अपने परिवार के साथ सामान्य जीवन जीने के लिए यह रास्ता अपनाया है. कुलदीप को कैंप जेल भेजा जायेगा. कुलदीप काफी समय तक झारखंड-ओड़िशा के सारंडा क्षेत्र में सक्रिय रहा है. कई नक्सली घटनाओं में शामिल रहा है. उसके द्वारा हाल की सबसे बड़ी घटना झिलरूआ कांड में संलिप्तता है. इस घटना में यह एक्शन टीम में शामिल रहा है.
सरकार की आत्मसर्मपण नीति का मिल रहा है सकारात्मक परिणाम
डीआईजी ने यह भी कहा कि झारखंड सरकार राज्य को नक्सल मुक्त राज्य बनाने का संकल्प लिया है. इस संकल्प को धरातल पर उतारने के लिए महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक रांची के निर्देश पर झारखंड पुलिस, कोबरा, सीआरपीएफ और अन्य केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों द्वारा सभी नक्सली संगठनों के खिलाफ चौतरफा कार्रवाई की जा रही है. इस दिशा में पुलिस को नक्सली संगठनों के खिलाफ निरंतर सफलता भी मिल रही है. झारखंड को पूरी तरह से नक्सल मुक्त करने एवं भटके नक्सलियों को मुख्यधारा में लौटने के लिए झारखंड सरकार की आत्मसमर्पण नीति के तहत पुलिस लगातार कार्य कर रही है, इसका परिणाम काफी सकारात्मक रहा है.
इन नक्सलियों ने किया है आत्मसर्मपण
अबतक भाकपा माओवादी सहित अन्य प्रतिबंधित नक्सली संगठनों के कई बड़े इनामी नक्सली कमांडर से लेकर दस्ता सदस्य पुलिस और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के सामने सरेंडर कर चुका है. नक्सली संगठन के आंतरिक शोषण भयादोहन और पुलिस की लगातार बढ़ती दबिश के कारण कई नक्सली मुख्य धारा में शामिल हो चुके हैं.
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