राधेश सिंह राज, मनोहरपुर
मनोहरपुर विधानसभा में दोनों प्रबल उम्मीदवार को इस समस्या से इस चुनाव में जूझना पड़ा है. एक ओर जहां झामुमो ने एनडीए के प्रखंड स्तरीय नेताओं को अपने पाले में करने में सफलता हासिल की है, वहीं एनडीए के प्रत्याशियों ने भी झामुमो के वैसे नेताओं को दोहरे चरित्र निभाने के लिए अपनी भूमिका निभा दी है. सभी अपने नेताओं को अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित बताने और वोटिंग ट्रेंड दिखाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है. किसे सफलता हाथ लगती है, ये तो कल पता चल ही जायेगा. इस चुनाव में अगर आजसू और भाजपा ने अपना सौ प्रतिशत काम किया होगा, तो उन्हें कोई नहीं हरा सकता, रही दूसरी बात की सांसद जोबा माझी का फेस वैल्यू और झामुमो में दगाबाजी नहीं हुई, तो जगत माझी को भी कोई नहीं हरा सकता.50 हजार से ज्यादा मत प्राप्त करने वाले प्रत्याशी पहुंच सकते हैं विस
इधर, बात करें एनसीपी प्रत्याशी सबन हेंब्रम की तो उन्होंने झामुमो के एक अच्छे खासे वोट बैंक को अपने पक्ष में लाने में सफलता हासिल की है, जो कि झामुमो के लिए सिर दर्द का सबसे बड़ा कारण हो सकता है. ऐसा नहीं है कि भाजपा का वोट बैंक एकमुश्त आजसू को मिला है, इसे प्रभावित करने में जेएलकेएम प्रत्याशी दिलबर खाखा ने सफलता हासिल की है. बावजूद अगर आजसू और भाजपा का वोट दिनेश चंद्र बोईपाई को मिलता है, तो उन्हें सफलता मिलेगी. बहरहाल प्रत्याशी शिवकर पूर्ति, सुशील बारला, पातोर जोंकों और महेंद्र जामूदा ने भी एक खास वर्ग के वोट को प्रभावित किया है. ऐसे में मनोहरपुर विधानसभा सीट से विधानसभा कौन पहुंचेगा, इसका सटीक आंकलन बताना कठिन है, लेकिन 50 हजार से ज्यादा मत प्राप्त करने वाले का विधानसभा पहुंचना तय माना जा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है