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Chaibasa News : उड़ती धूल व सड़क मरम्मत को 8 घंटे एनएच-75 जाम

तस्वीर: 13 झींकपानी 1बिष्टुमपुर में मांगों को लेकर सड़क जाम करते ग्रामीण

झींकपानी. सड़क के दोनों ओर वाहनों की लगी कतार, बीडीओ ने समझा-बुझाकार जाम हटवाया

झींकपानी. झींकपानी प्रखंड के बिष्टुमपुर में सड़क की मरम्मत व उड़ती धूल से निजात दिलाने की मांग को लेकर शुक्रवार को ग्रामीणों ने चाईबासा- हाटगम्हरिया मुख्य सड़क ( एनएच-75) को जाम कर दिया. लगभग 8 घंटे तक सड़क जाम रहने से रोड के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गयी. सूचना पर बीडीओ सीमा आइंद पहुंची और ग्रामीणों को समझा-बुझाकर जाम हटवाया. बीडीओ ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि उनकी मांगों को उच्च पदाधिकारियों तक पहुंचाया जाेगा.

मांगों पर विचार नहीं हुआ, तो 72 घंटे का सड़क जाम करेंगे

सड़क की मरम्मत को लेकर ग्रामीण सुबह 7.30 से दोपहर 3.30 बजे तक सड़क जाम कर प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने कहा कि यह सिर्फ सांकेतिक प्रदर्शन है. 15 दिनों के अंदर उनकी मांग पर विचार नहीं किया गया तो आंदोलन पर उतरेंगे और 72 घंटे सड़क जाम करेंगे. गौरतलब हो कि संवेदक मेसर्स रामकृपाल सिंह कंस्ट्रक्शन कंपनी मुख्य सड़क का निर्माण कर रही है. सड़क निर्माण के दौरान बिष्टुपुर से माटागुट्टू तक सड़क की खुदाई कर काम को अधूरा छोड़ दिया गया है, जिससे उड़ती धूल के कारण बिष्टुमपुर के ग्रामीणों का जीवन नारकीय बना गया है. सड़क की धूल लोगों के घरों में घुस रही है. उड़ती धूल से ग्रामीण बीमार हो रहे हैं. धूल के कारण घर के बाहर बैठना भी मुश्किल हो गया है.

परेशानियों से पदाधिकारियों अवगत कराया, पर स्थिति जस की तस

इस मामले से ग्रामीण जिला के उच्च अधिकारियों, सड़क निर्माण करा रहे संवेदक से भी गुहार लगा चुके हैं. लेकिन अबतक समस्या का समाधान नहीं हुआ. इससे आक्रोशित होकर ग्रामीणों ने सड़क जाम कर दिया. ग्रामीणों का कहना है कि रेलवे की ओर से बिष्टुमपुर व माटागुटु के बीच ओवरब्रिज निर्माण प्रस्तावित है. ओवरब्रिज के लिए जमीन देने का भी ग्रामीण विरोध कर रहे हैं. इसी को बहाना बनाकर बिष्टुमपुर में संवेदक ने जानबूझकर सड़क निर्माण कार्य को अधूरा छोड़ दिया है. परिणामस्वरूप पिछले 2 वर्ष से बिष्टुमपुर के ग्रामीण सड़क की उड़ती धूल से परेशान हैं. ग्रामीणों के अनुसार, सड़क खराब होने से रोजाना वाहनों का जाम लगता है. जाम से स्कूली बच्चे व ग्रामीण परेशान हैं.

ग्रामीण बोले

उसने पाई-पाई जमा कर घर बनाने के लिए पत्थर व ईंट मंगाया था. उन ईंट व पत्थरों को वाहन चालकों ने जर्जर सड़क के गड्ढे भरने में लगा दिया. इससे वह अपना घर नहीं बना पाया है. कितनी सुंडी, वृद्धा

अधिकतर घर खपरैल के हैं. इसके कारण सड़क से उड़ती धूल घरों में घुस जाती है. इससे घर के अंदर रखे खाद्य पदार्थ, पानी व कपड़ों में धूल जम जाता है. धूल के कारण ग्रामीण बीमार पड़ रहे हैं.

-शशि भूषण बुड़ीउली, ग्रामीण

सड़क किनारे के पेड़-पौधे की पत्तियों में धूल की परत जम गयी है. उड़ती धूल के कारण घर के बाहर आंगन व पेड़ों की छांव में बैठना भी मुश्किल है. सरकार व जिला प्रशासन से आग्रह है कि ग्रामीणों को नारकीय जीवन से निजात दिलायी जाये.

-अनिल बुड़ीउली, ग्रामीण

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