प्रतिनिधि, सोनुआ
सोनुआ के पनसुआं डैम का निर्माण चार दशक पहले शुरू हुआ. दो दशक पहले इसके नहरों के गेट में फाटक लगाया गया, पर क्षेत्र के किसानों को इसका पानी नहीं मिला. डैम से निकले मुख्य नहर से बुरुडीह और अर्जुनपुर की ओर निकली शाखा नहर अभी तक अधूरी है. इसका पानी क्षेत्र के सात गांवों के खेतों तक नहीं पहुंच रहा है. इसके बाद अपने खेतों तक पानी पहुंचाने के लिए सात गांव के ग्रामीण श्रमदान कर और लाखों रुपये खर्चकर जेसीबी से सिंचाई नाली बना रहे हैं. इसमें प्रत्येक किसान 500 से 1000 रुपये तक सहयोग राशि दे रहे हैं.तीन रैयतों को मुआवजा नहीं मिलने से अधूरी है शाखा नहर
किसानों के मुताबिक बुरुडीह गांव के तीन रैयतों को जमीन का मुआवजा नहीं मिलने के कारण ये ग्रामीण अपनी जमीन नहीं दे रहे हैं. इस कारण शाखा नहर से बुरुडीह, अर्जुनपुर, शंकरासाई, सोसोकुदर, सारन्डियापोस, भूतनाशा और बेहराबिंदा गांव के खेतों तक शाखा नहर का पानी नहीं पहुंच रहा है.क्षेत्र के सात गांवों के ग्रामीणों के खेतों तक सिंचाई के लिये पानी नहीं पहुंच रहा है, लेकिन ग्रामीणों के मुताबिक विभाग इस मामले को लेकर गंभीर नहीं है.इससे ग्रामीणों में विभाग के प्रति काफी नाराजगी देखी जा रही है. ग्रामीणों ने इस समस्या का समाधान नहीं होने पर आगामी विधानसभा चुनाव का भी बहिष्कार करने का चेतावनी दिया है. ग्रामीणों के बुलाने पर यहाँ पहुँचे झारखण्ड पार्टी के नेता महेंद्र जामुदा ने स्थानीय जनप्रतिनिधियों को भी निशाने पर लेते हुए कहा कि लंबे समय नहर अधूरा है, जिससे किसानों के खेतों तक पानी नहीं पहुँच रहा है. जिससे क्षेत्र के लोग पलायन को मजबूर हैं.इस मौके पर मुण्डा रमाकान्त कटिहार, नेल्सन संजय होनहगा, जॉन गिलुवा, जितेन्द्र गिलुवा, समीर गिलुवा, समुऐल गिलुवा, विवेक गिलुवा, विजय पुर्ती, धनश्याम हेम्रबोम, देवेन्द्र नायक, देनेश्वर नायक, कार्तिक महतो, पुजेन्द्र पान, मुकेश महतो, गरदी माझी, किशन माझी, सादाम माझी, भीमसेन गोप, छोटे लाल महतो, सुरेश हाईबुरु, ईश्वर हाईबुरु, लालु महतो मौजूद थे.
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