Chaibasa News : शहर में पांच माह से कचरे का उठाव नहीं

कचरे की प्रोसेसिंग ठप, डोर- टू- डोर नियमित कचरा उठाव नहीं होने से आक्रोश

By Prabhat Khabar News Desk | November 18, 2024 11:26 PM
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एजेंसी कर्मी बिनोद यादव ने कहा- मशीन में खराबी आने से दो-तीन से दिनों से काम बंद है

संवाददाता, चाईबासाचाईबासा के श्मशान काली मंदिर परिसर के पास कचरे की प्रोसेसिंग का काम पिछले जुलाई माह से ठप है. इससे करीब 15-20 हजार कचरे का पहाड़ बन गया है. कचरे की प्रोसेसिंग का काम दिल्ली की लेगेंसी कंपनी को मिला है. सिटी मैनेजर की मानें तो, दुर्गापूजा और दीपावली को लेकर कुछ दिनों तक काम बंद था. जबकि एजेंसी का काम देख रहे कर्मी बिनोद यादव ने बताया कि मशीन में खराबी के कारण दो-तीन से दिनों से काम बंद है. वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रोसेसिंग का काम जुलाई माह से बंद है. मशीन को ढंककर रखा गया है. छठ पूजा के बाद मशीन से कवर को हटाया गया. इसका मुख्य कारण है कि प्रोसेसिंग स्थल पर कचरों का पहाड़ बन गया है. कमोबेश यही हाल कचरा प्लांट का भी है. इस प्लांट का निर्माण पाइनियर एजेंसी द्वारा कराया जा रहा है. अबतक स्थल पर मिट्टी फिलिंग का ही काम हो पाया है. जबकि प्लांट की चहारदीवारी का काम शुरू नहीं हुआ है. इतना ही नहीं डोर- टू डोर कचरा उठाव की स्थिति भी दयनीय है. मोहल्ले ओर घरों से नियमित कचरा उठाव नहीं होने से जहां- तहां सड़क किनारे कचरे बिखरे पडे़ हैं. वहीं कचरे का नियमित उठाव नहीं होने के कारण लोग कंपनी को तय राशि का भुगतान भी नहीं कर रहे हैं.

ऐसे होता है कचरे का उठाव

शहर में कचरे का उठाव का काम पाइनियर एजेंसी करती है. यह एजेंसी मोहल्लों के घरों से सूखा और गीला कचरे का उठाव करती है. इसके एवज में प्रति घर से हर माह 30 रुपये का भुगतान किया जाता है. प्रारंभ में एजेंसी के कर्मियों की ओर से नियमित कचरा उठाव किया जाता था, लेकिन पिछले कई माह से कचरे का उठाव नहीं किया जा रहा था. हाल ही में कचरे का उठाव शुरू तो किया गया है, लेकिन रोजाना उठाव नहीं हो रहा है. ऐसे में लोग घरों का कचरा सड़क किनारे ही फेंक देते हैं. यही वजह है कि सड़क के किनारे आये दिन कचरे का अंबार लगा रहता है.

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