Chaibasa News : पातू कॉलोनी के 37 परिवारों को जमीन खाली करने की नोटिस

सात दिनों की मिली मोहलत अन्यथा अतिक्रमण हटाने पर खर्च राशि वसूली जायेगी

By Prabhat Khabar News Desk | January 17, 2025 11:37 PM

चक्रधरपुर. चक्रधरपुर की संजय नदी के किनारे बसी पातू कॉलोनी के 37 परिवारों को अंचल कार्यालय ने जमीन खाली करने के लिए नोटिस भेजी है. नोटिस मिलने के बाद पातू कॉलोनी में 80 साल से झोपड़ी बनाकर रह रहे परिवार चिंतित हैं. अंचल कार्यालय द्वारा भेजी गयी नोटिस में कहा गया है कि झारखंड उच्च न्यायालय से पारित आदेश के तहत अतिक्रमण हटाने एवं प्रदूषण रोकने के लिए सात दिनों के अंदर स्वत: अतिक्रमण हटा लें. अन्यथा सरकार द्वारा कार्रवाई करने पर अतिक्रमण हटाने की राशि वसूल की जायेगी. साथ ही आदेश दिया गया है कि व्यक्तिगत रूप से 17 जनवरी तक अंचल कार्यालय में उपस्थित होकर स्पष्टीकरण दें. इसे लेकर शुक्रवार को 37 परिवार के लोग अंचल कार्यालय पहुंचे. सभी ने लिखित रूप से स्पष्टीकरण दिया.

सरकार जमीन को हमलोग के नाम बंदोबस्ती कर दे : कॉलोनी वासी

इस दौरान कॉलोनी वासियों ने बताया कि हमलोग नगर परिषद क्षेत्र की पुरानी बस्ती पातू कॉलोनी में 80 साल से संजय नदी के किनारे झोपड़ी बनाकर रहते आ रहे हैं. नदी में बाढ़ आने पर हमलोग रात में जागकर अपने परिवार की सुरक्षा करते हैं. यहां बिजली विभाग द्वारा बिजली की आपूर्ति की गयी है. बस्ती तक पहुंचने के लिए सड़क भी बनी है. नगर परिषद द्वारा स्वच्छ पेयजल के लिए सोलर जलमीनार भी लगायी गयी है. प्रत्येक साल हमलोग होल्डिंग टैक्स भी जमा करते हैं. ऐसी स्थिति में उच्च न्यायालय का हवाला देकर हमलोगों को हटाना न्याय संगत नहीं है. हमलोग आदिवासी एवं ओबीसी समुदाय से आते है और भूमिहीन हैं. सरकार उक्त जमीन को हमलोग के नाम पर बंदोबस्ती कर दे, ताकि हमसभी परिवार अच्छे से भरण पोषण कर सकें. मौके पर काफी संख्या में लोग मौजूद थे.

रानी तालाब को भी अतिक्रमण मुक्त कराने की जरूरत

चक्रधरपुर शहर का रानी तालाब 9 एकड़ में फैला है. शहरी क्षेत्र में रहने वाले लोगों के लिए बड़ा जलस्रोत है. पर कुछ दशक से रानी तालाब में अतिक्रमण हो रहा है. इस कारण 9 एकड़ में फैला तालाब अब 7 एकड़ में रह गया है. तालाब से निकलने वाली नहर भी अतिक्रमण के कारण संकीर्ण हो गयी है. बारिश के दिनों में पानी घरों में घुस जाता है. रानी तालाब को भी अतिक्रमण मुक्त कराना आवश्यक है.

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