संवाददाता, चाकुलिया/रांची. झारखंड की जनता को अब राजभवन आने की जरूरत नहीं पड़ेगी. जन समस्याओं से अवगत होने के लिए राजभवन अब खुद गांव की ओर चल पड़ा है. जनसंवाद कार्यक्रम के तहत जनता से सीधी बात की जा रही है. अपने बच्चों को शिक्षित करना ही असल संपत्ति है. ये बातें चाकुलिया स्थित भातकुंडा में संत निरंकारी मिशन आश्रम में आयोजित जनसंवाद कार्यक्रम में राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने कहीं. उन्होंने आगे कहा कि राज्य में केंद्रीय योजनाएं समाज के अंतिम पायदान तक पहुंच रही हैं. बदलाव के लिए ग्रामीणों को स्वयं जागरूक होकर आगे बढ़ने की आवश्यकता है.
नशा पर रोक के लिए महिलाएं आगे आयें
इस मौके पर राज्यपाल ने कहा कि गांवों में नशा पर रोक के लिए महिलाओं को आगे आना चाहिए. राज्यपाल ने अपने गांव की कहानी भी सुनायी. उन्होंने कहा कि वह जिस गांव में रहते थे, वहां महज 20 परिवार ही निवास करते थे. अपनी समस्याओं को दूर करने में गांव के लोगों को काफी परेशानी होती थी. इसी अनुभव से ब्रिटिश परंपरा के अंत का विचार मन में आया. उन्होंने विचार किया कि राजभवन ही लोगों की समस्याओं को सुनने के लिए गांव तक पहुंचेगा. इसी के मद्देनजर राज्य के कई हिस्सों में राज्यपाल द्वारा सीधा संवाद कार्यक्रम किया जा रहा है. राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने इस कार्यक्रम के माध्यम से ग्रामीणों के साथ सीधा संवाद भी किया. उन्हें आवश्यक सलाह दी.
महिला समूह के बीच परिसंपत्तियों का वितरण
मौके पर दो ग्रामीणों को वन पट्टा दिया गया तथा महिला समूहों के बीच एक करोड़ 95 लाख की परिसंपत्तियों का वितरण किया. इसके बाद राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन विश्व पर्यावरण दिवस के समापन समारोह में शामिल होने हाइस्कूल मैदान पहुंचे. पौधरोपण के बाद उन्होंने सभा को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने हर खुशी पर एक पौधा लगाने तथा झारखंड में अगले दो वर्षों में एक करोड़ से अधिक पौधे लगाने की बात कही. उन्होंने कहा कि समाज के उत्थान के लिए पर्यावरण संरक्षण के साथ-साथ औद्योगिकीकरण का विकास भी जरूरी है. राज्यपाल ने अपना संबोधन अंग्रेजी में दिया. इसका अनुवाद डीडीसी मनीष कुमार कर रहे थे. मौके पर एसएसपी प्रभात कुमार, ग्रामीण एसपी मुकेश कुमार लुणायत, धालभूम एसडीओ पीयूष पांडे, घाटशिला एसडीओ सत्यवीर रजक, डीटीओ दिनेश रंजन, बीडीओ देवलाल उरांव, सीओ जयवंती देवगम आदि उपस्थित थे.