चाईबासा.कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) चाईबासा के ऑडिटोरियम में आयुक्त सिंहभूम (कोल्हान) प्रमंडल हरि कुमार केसरी की अध्यक्षता में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. जिसमें व उपायुक्त कुलदीप चौधरी, पुलिस अधीक्षक आशुतोष कुमार शेखर, उप विकास आयुक्त संदीप कुमार मीणा, चाईबासा और सारंडा वन प्रमंडल पदाधिकारी अपर उपायुक्त, सभी अनुमंडल पदाधिकारी, मानकी, मुंडा, डाकुवा व दिऊरी शामिल थे.
केसरी ने कहा कि झारखंड की संस्कृति और परंपराएं यहां के समाज की पहचान हैं. यहां के परंपरागत पदाधिकारी मानकी, मुंडा, ग्राम प्रधान, डाकुवा व ग्रामीण दिउरी (पुजारी) का झारखंड के ग्रामीण समाज में महत्वपूर्ण स्थान है. स्थानीय शासन, न्याय एवं सामाजिक समरसता में ये महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जिसके लिए इन्हें कोल्हान का ग्रामीण प्रशासन बोला जाता है.सामाजिक और आर्थिक बदलावों ने जिम्मेदारियों को बढ़ाया
आयुक्त ने कहा कि झारखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से हो रहे सामाजिक और आर्थिक बदलावों ने मानकी-मुंडा की जिम्मेदारियों को और भी बढ़ा दिया है. वर्तमान परिदृश्य में जनता के साथ सरकार का सीधे संबंध रखना, विवादों का निपटारा ग्राम पंचायत के माध्यम से ग्रामों में करना, अपने क्षेत्र में शांति व्यवस्था कायम रखना व लगान वसूली सहित अन्य कार्य काफी सराहनीय है. सन 1834-35 इस्वी में ब्रिटिश सरकार ने इकरारनामा के आधार पर कोल्हान क्षेत्र के लिए मानकी को व मुंडा को अलग-अलग सनद पट्टा निर्गत किया गया, जिसे अब ””हकूकनामा”” के नाम से जाना जाता है. मुंडा को ग्राम का प्रधान व मानकी को पीढ़ का प्रधान ठहराया गया है. मुंडा-मानकी अपने ग्राम व पीढ़ के प्रति उत्तरदायी बनाये गये. यही रिवाज स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भी कोल्हान क्षेत्र में प्रचलित है.ग्राम स्तर के मतभेदों का पंच ही निबटारा करायें : डीसी
वहीं, उपायुक्त ने कहा कि क्षेत्र की सामाजिक संरचना, मानकी-मुंडा व्यवस्था को आपस में संवाद स्थापित कर और बेहतर करने के लिए कार्यशाला आयोजित की गयी है. जिससे सभी को अपनी बातों को रखने का सामान अवसर प्राप्त हो व जो वास्तविकता धरातल में चल रही है, उसका फीडबैक आपके माध्यम से जिला प्रशासन को मिल सके. राज्य सरकार द्वारा वर्तमान में संकल्प जारी कर आपके सम्मान राशि जो में वृद्धि की गयी है, वह सम्मान राशि आप सभी को यथाशीघ्र प्राप्त हो, इस दिशा में जिला प्रशासन द्वारा आगे का कार्य किया जा रहा है. ग्राम स्तर पर जो छोटे-छोटे मतभेद उत्पन्न होते हैं. उसे पंच के माध्यम से ग्राम स्तर पर ही निपटारा करें. ताकि समाज में फैली कुरीतियों पर नियंत्रण रखा जा सके.
जिला स्तर पर बनी योजनाएं क्रियान्वित हों : एसपी
पुलिस अधीक्षक ने कहा इस कार्यशाला से स्थानीय स्तर पर जो भी समस्याएं हैं, उसे बेहतर तरीके से जानने का अवसर प्राप्त होगा. साथ ही जिला स्तर पर जो भी योजनाएं बनाई जानी हैं या क्रियान्वयन करना है, उसमें आपकी सहभागिता सुनिश्चित हो सकेगी. कोल्हान की जो सामाजिक पृष्ठभूमि है और उसमें जो आपका योगदान है, बहुत महत्वपूर्ण है. साथ ही जो वर्तमान संवैधानिक ढांचा है, उसमें सरकार और जिला प्रशासन के साथ-साथ आपकी भूमिका भी बहुत महत्वपूर्ण है. स्थानीय एवं ग्रामीण स्तर पर आपके द्वारा किए जा रहे राजस्व संग्रहण, विधि व्यवस्था का संधारण या अन्य कार्य सराहनीय है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है