Chaibasa News : डॉक्टर की कमी से 2 साल से ऑपरेशन बंद, रोज 5-6 गर्भवती होती हैं रेफर
चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल. 14 डॉक्टरों की जरूरत, पांच से चल रहा काम
चक्रधरपुर. चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल में दो साल से ऑपरेशन बंद है. विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं होने के कारण यहां ऑपरेशन बंद हो गया है. यहां के मरीजों को सदर अस्पताल चाईबासा या जमशेदपुर रेफर कर दिया जाता है. विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी के कारण चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल रेफरल अस्पताल बनकर रह गया है. मालूम रहे कि स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं रहने के कारण पिछले दो साल से ऑपरेशन बंद है. इस कारण रोज 5-6 गर्भवतियों को सदर अस्पताल रेफर कर दिया जाता है. यहां केवल नॉर्मल डिलीवरी होती है.
बच्चों का इलाज कराने में हो रही परेशानी :
अस्पताल के ओपीडी में प्रत्येक दिन एक चौथाई शिशु मरीज होते हैं. पर यहां शिशु रोग विशेषज्ञ पदस्थापित नहीं होने से छोटे बच्चों को उपचार कराने में परेशानी हो रही है. अस्पताल में एक भी इएनटी रोग विशेषज्ञ चिकित्सक पदस्थापित नहीं हैं. अधिकांश मरीजों को इलाज के लिए बाहर जाना पड़ता है. चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल में आने वाले मरीजों में पचास फीसदी संख्या महिला मरीजों की होती है. पर अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ नहीं होने से महिला संबंधी रोगों का उपचार नहीं मिल पा रहा है.तीन एमबीबीएस के भरोसे अनुमंडल अस्पताल :
चक्रधरपुर अनुमंडल अस्पताल में तीन एमबीबीएस डॉक्टर व दो डेंटल चिकित्सक कार्यरत हैं. इसमें डॉ अंशुमन शर्मा, डॉ नंदू होनहागा, डॉक्टर जेजे मुंडू व दो अन्य चिकित्सक शामिल हैं. दो डेंटल चिकित्सक उपलब्ध हैं. जबकि विभिन्न उपस्वास्थ्य केंद्र में 19 नियमित एएनएम व 41 अनुबंध एएनएम कार्यरत हैं.अस्पताल में संसाधनों की कमी
अनुमंडल अस्पताल 60 बेड का है, पर संसाधनों की कमी के कारण केवल 36 बेड से ही अस्पताल संचालित हो रहा है. इसमें मात्र पांच चिकित्सक कार्यरत हैं. उसमें एक डॉक्टर पर चिकित्सा पदाधिकारी के साथ-साथ प्रशासनिक कार्यों की भी जिम्मेदारी है. कुछ माह पहले अस्पताल में दो डेंटल चिकित्सक आये हैं. पर आवश्यक उपकरण एवं सामग्री उपलब्ध नहीं होने से मरीजों को दंत चिकित्सा से संबंधित बेहतर जांच नहीं हो रही है. हालत यह है कि दंत चिकित्सा के लिए एक्सरे मशीन की भी व्यवस्था नहीं है. अस्पताल में हड्डी रोग विशेषज्ञ नहीं है.
पदाधिकारियों से की गयी है चिकित्सकों की मांग
अनुमंडल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अंशुमन शर्मा ने कहा कि अस्पताल के संचालन के लिए 14 डॉक्टरों की आवश्यकता है, पर मात्र पांच चिकित्सक पदस्थापित हैं. इसमें तीन एमबीबीएस व एक डेंटिस्ट हैं. अस्पताल में तीन और एमबीबीएस, सर्जन, स्त्री रोग विशेषज्ञ, हड्डी रोग विशेषज्ञ, शिशु रोग विशेषज्ञ चिकित्सकों की आवश्यकता है. चिकित्सकों की मांग वरीय पदाधिकारियों से की गयी है.
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