PM Cares for Children Scheme : कोरोना में अनाथ हुए झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम के 26 बच्चों का संवरेगा भविष्य
पीएम केयर्स फंड फॉर चिल्ड्रन स्कीम (PM Cares for Children Scheme ) के तहत कोरोना (Corona) में अनाथ हुए बच्चों को 10 लाख रुपये दिये जायेंगे. उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और मासिक भत्ते को लेकर भी व्यवस्था की जायेगी. इन सभी अनाथ बच्चों को 18 साल पूरा होने पर मासिक भत्ता दिया जायेगा.
PM Cares for Children Scheme, चाईबासा न्यूज (अभिषेक पीयूष) : अब तक की सबसे बड़ी त्रासदी कोरोना (Corona) में पश्चिमी सिंहभूम के जो बच्चे अनाथ हुए हैं, सरकार उनका भविष्य संवारेगी. भारत सरकार ‘पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन स्कीम’ (PM Cares for Children Scheme ) योजना के तहत कोरोना महामारी में वैसे बच्चे, जिनके माता-पिता, पालनहार या फिर गोद लिये किसी अभिभावक की मृत्यु हुई है. उन्हें आर्थिक, शैक्षणिक एवं स्वास्थ्य आदि लाभ पहुंचाने का कार्य करेगी.
झारखंड राज्य महिला, बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग की ओर से सरकार के अवर सचिव विक्रमा राम ने सभी जिलों के उपायुक्त समेत जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी एवं जिला बाल कल्याण समिति को निर्देशित किया है. इसमें बताया गया है कि कोरोना में अनाथ हुए बच्चों के लिए केंद्र सरकार द्वारा ऑनलाइन पोर्टल पीएम केयर फॉर चिल्ड्रन डॉट इन की शुरुआत की गयी है. उक्त पोर्टल पर कोविड-19 के दौरान अनाथ हुए बच्चों के पहचान एवं पंजीकरण का कार्य प्रारंभ है.
झारखंड सरकार द्वारा राज्य के सभी जिलों के उपायुक्त को भेजे गये पत्र में उक्त पोर्टल पर योग्य सभी बच्चों का विस्तृत ब्यौरा आगामी 15 दिनों के अंदर उपलब्ध कराये जाने का निर्देश दिया गया है. साथ ही पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करने को लेकर सभी संबंधित जिलों के उपायुक्त, जिला बाल कल्याण समिति एवं जिला बाल संक्षण इकाई का लॉगइन आइडी और पासवर्ड भी उपलब्ध कराया गया है. वहीं पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त अनन्य मित्तल ने जिला सामाज कल्याण पदाधिकारी अनिशा कुजूर को कार्य को ससमय पूरा करने की जिम्मेदारी सौंपी है.
जिला सामाज कल्याण पदाधिकारी अनिशा कुजूर ने प्रभात खबर को बताया कि कोरोना के कारण जिले में मरने वालों की सूची स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध करायी गयी है. उपलब्ध मृतकों की सूचि के आधार पर जिला बाल संरक्षण इकाई, चाइल्डलाइन, सीडब्लूसी, बाल कल्याण समिति व किशोर न्याय परिषद आदि के द्वारा सर्वे करने का कार्य किया गया है. जिसमें पहले चरण में जिले के आठ प्रखंडों (मनोहरपुर, झींकपानी, चाईबासा, चक्रधरपुर, जगन्नाथपुर, मंझारी, कुमारडुंगी व नोवामुंडी) का सर्वे किया गया है. इसमें कुल 17 परिवार से 26 बच्चे अनाथ मिले हैं. ये वे बच्चे हैं, जिन्होंने अपने माता-पिता, पालनहार या फिर गोद लिये अभिभावक को कोरोना काल में खो दिया है.
पीएम केयर्स फंड फॉर चिल्ड्रन स्कीम के तहत कोरोना में अनाथ हुए बच्चों को 10 लाख रुपये दिये जायेंगे. साथ ही, उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य और मासिक भत्ते को लेकर भी व्यवस्था की जायेगी. इन सभी अनाथ बच्चों को 18 साल पूरा होने पर मासिक भत्ता दिया जायेगा और 23 साल होने पर पीएम केयर्स फंड से 10 लाख रुपये दिये जायेंगे और प्रीमियम का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जायेगा. इसके अलावा बच्चों को 18 साल की अवधि तक आयुष्मान भारत के तहत 5 लाख रुपये का मुफ्त हेल्थ बीमा भी मिलेगा.
ऐसे बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए एजुकेशन लोन दिलाने में भी सरकार मदद करेगी. जिसका ब्याज पीएम केयर्स फंड से दिया जायेगा. वहीं 10 साल से कम उम्र के अनाथ बच्चों को नजदीकी केंद्रीय विद्यालय में दाखिला मिलेगा. 11 साल से अधिक उम्र के बच्चों का दाखिला सैनिक स्कूल और नवोदय विद्यालय में कराया जायेगा. प्राइवेट स्कूल में एडमिशन होने पर उनकी फीस पीएम केयर्स फंड से केंद्र सरकार देगी. इसके अलावा, बच्चों की किताब-कॉपी, स्कूल ड्रेस आदि का खर्च भी सरकार उठायेगी.
जिला मजिस्ट्रेट पुलिस, डीसीपीयू, चाइल्ड लाइन और नागरिक समाज संगठनों की सहायता से इन बच्चों की पहचान के लिए अभियान चलेगा. ग्राम पंचायतों, आंगनबाड़ी और आशा नेटवर्क को ऐसे बच्चों की रिपोर्टिंग के लिए निर्देश दिया जायेगा. इसे लेकर आम जनता को सूचित करने और उन्हें सीडब्ल्यूसी (बाल कल्याण समिति) के समक्ष ऐसे बच्चों को पेश करने या चाइल्ड लाइन (1098) या जिला बाल संरक्षण इकाई (डीसीपीयू) के माध्यम से उनके बारे में रिपोर्ट के लिए प्रोत्साहित करने के लिए स्थानीय भाषा में पहचान अभियान के बारे में पर्याप्त प्रचार किया जायेगा.
सहायता प्राप्त करने के लिए आवेदन पत्र, बच्चे के द्वारा, देखभाल करने वाले के द्वारा या फिर सीडब्ल्यूसी के सामने बच्चे को पेश करने वाली किसी अन्य एजेंसी के द्वारा भरा जा सकता है. सीडब्ल्यूसी डीसीपीयू की मदद से उस बच्चे के बारे में तथ्यों को इकट्ठा करेगा, जिसने माता-पिता दोनों को खो दिया है, इसमें मृतक माता-पिता, घर का पता, स्कूल, कॉन्टैक्ट की जानकारी, क्रेडेंशियल और परिवार के दूर के सदस्यों, रिश्तेदारों या निकट संबंधियों की वार्षिक आय का विवरण शामिल है.
Posted By : Guru Swarup Mishra