Chaibasa News :सक्षम न्यायालय के फैसले के बाद ही किसी को दोषी समझें
चाईबासा : प्रभात खबर के पाठकों ने फोन कर नि:शुल्क कानूनी सलाह ली,चाईबासा व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता सुरेंद्र प्रसाद दास ने दिये जवाब
चाईबासा.झारखंड का सर्वाधिक प्रसारित हिंदी दैनिक ‘प्रभात खबर’ ने अपने सामाजिक दायित्व के तहत प्रत्येक शनिवार को पाठकों के लिए नि:शुल्क कानूनी सलाह की शुरुआत की है. इस कड़ी में चार जनवरी को चाईबासा व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ता सुरेंद्र प्रसाद दास ने पाठकों को विभिन्न मुद्दों पर कानूनी सलाह दी. शनिवार को पाठकों ने दिये गये मोबाइल नंबर पर फोन कर अपनी समस्याएं रखीं. इसपर अधिवक्ता सुरेंद्र प्रसाद दास ने उन्हें समुचित कानूनी सलाह दी. प्रस्तुत है कुछ पाठकों के सवाल व उन्हें मिली सलाह का अंश.
—————-प्रश्न : मेरी जमीन का ऑफलाइन म्यूटेशन हो गया है. रसीद भी कट गया है, लेकिन ऑनलाइन नहीं दिख रहा है. – रविंद्र कुमार मोदक, खरसावां
सलाह : आप संबंधित सभी कागजात लेकर अंचलाधिकारी से मिलें. वहां, सुनवाई नहीं होने पर बोर्ड ऑफ रेवेन्यू रांची को आवेदन दें. यदि अंचलाधिकारी दबाव बनाना चाहते हैं, तो सूचना का अधिकार-2005 के तहत इस संबंध में पूछ सकते हैं.
———————————————-प्रश्न : छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम 1908 में महिलाओं का जमीन पर क्या अधिकार है. – विनिता लागुरी, पाताहातु चाईबासा
सलाह : महिला स्व-अर्जित राशि से जमीन खरीद सकती हैं. जमीन का उपयोग कर सकती हैं. यदि वह अविवाहित है, तो पैतृक संपत्ति में उनका अधिकारी और पैतृक निवास से उनको निकाला नहीं जा सकता है. वह उक्त जमीन (पैतृक संपत्ति) को बेच नहीं सकती हैं.———————————-
प्रश्न : विधिक सहायता के कौन- कौन अधिकार हैं. एसटी- एससी के लोग भी हकदार हैं या नहीं? – डोबरो बुड़िउली, आकाशवाणी, चाईबासा
सलाह : विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम-1987 की धारा 12 में विधिक सहायता प्रदान करने के मापदंड के अनुसार अनुसूचित जाति या अनुसूचित जन जाति के रूप में नि:शुल्क सहायता प्रदान की जायेगी.——————————-
प्रश्न : वर्ष 2017-18 में सरकार के एक कार्यक्रम में मुझे फंसाया गया था. मैं नौकरी के लिए लिए तैयारी कर रहा हूं. मनीष कुमार बोदरा, छात्र, सोनुवा
सलाह : जबतक आपको किसी सक्षम न्यायालय ने दोषी करार नहीं दिया है, तबतक चरित्र पर लांछन नहीं लगेगा. आप बेशक नौकरी के लिए तैयारी करें.
——————————प्रश्न : मैं एक मकान का मालिक हूं. वरिष्ठ नागरिक भी हूं. मैंने किरायेदार को निकालने के लिए केस किया है, जिसमें विलंब हो रहा है. इसका समाधान बतायें. -चिन्मय लाल राठौर, चक्रधरपुर
सलाह : झारखंड बिल्डिंग रेंट कंट्रोल एक्ट-2011 में वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष प्रावधान है. उसके तहत आवेदन दें. छह माह के भीतर निष्पादन होगा.
——————————————प्रश्न : मैंने रांची में लोहे का रड खरीदने के लिए सौदा किया था. बैंक एकाउंट में पांच लाख रुपये ट्रांसफर किया था. मुझे जीएसटी बिल दिया, लेकिन रड नहीं मिला है. पैसे कैसे प्राप्त कर सकते हैं. – आशुतोष कुमार, गोइलकेरा
सलाह : यह कॉमर्शियल सूट का मामला है. आप न्यायालय में मिडिएशन के लिए 1000 रुपये जमा कराकर डिग्री ले लेंगे, तो उनकी प्रॉपर्टी अटैच कर रुपये ले सकते हैं.—————————–
प्रश्न : महिलाओं की उम्र व बाल विवाह के संबंध में जानकारी चाहिए. – संजय निषाद, चाईबासा
सलाह : बाल विवाह कानूनन अपराध है. सरकार और कानून में विवाह की उम्र निर्धारित की गयी है. युवक के लिए 21 साल और लड़की के लिए 18 साल की उम्र निर्धारित है.——————————————
प्रश्न : पैन कार्ड में अपना नाम कैसे सुधार किया जा सकता है? -जानकी, चाईबासा
सलाह : पहले आपको राजकीय पदाधिकारी के ऑफिस में जाकर एक शपथ पत्र के माध्यम से सही नाम सत्यापित पत्र को आधार पोर्टल पर अपलोड करायें. 15 दिनों के अंदर आपका नाम में सुधार हो जायेगा.———————————
प्रश्न : क्या कोई महिला अंतरजातीय विवाह कर सकती है? – सुनीता विश्वकर्मा, चाईबासा
सलाह : विशेष विवाह अधिनियम-1955 के तहत आप अंतरजातीय विवाह कर सकती हैं.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है