Jharkhand News: पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत टोंटो के क्षेत्र में पहली बार नक्सलियों ने घात लगाकर सुरक्षाबलों के जवानों पर हमला किया है. इसमें दो जवान शहीद हुए. 11 अगस्त को हुई मुठभेड़ में भारी नुकसान का बदला लेने के लिए नक्सलियों ने हमला किया. टोंटो में नक्सलियों से मुठभेड़ में जवान के शहीद होने की दूसरी घटना है. चार दिनों (11 से 14 अगस्त) में तीन जवान शहीद हुए हैं. पिछले करीब चार साल से नक्सलियों ने टोंटो प्रखंड को अपना सुरक्षित ठिकाना बना रखा है. टोंटो के साथ गोइलकेरा थाना क्षेत्र के जंगल के पास गांवों और पगडंडियों पर आईईडी प्रेशर बम व स्पाइक होल बिछा दिया था. जिला पुलिस व सुरक्षा बलों ने तुंबाहाका में ताबड़तोड़ अभियान चलाकर एक माह के अभियान में नक्सलियों को अपना हेड क्वार्टर छोड़कर भागने के लिए मजबूर कर दिया था.
कोल्हान से नक्सलियों को खत्म करने की तैयारी
कोल्हान से नक्सलियों के पांव पूरी तरह उखाड़ने के लिए सुरक्षा बलों के जवान लगातार सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं. इस दौरान नक्सलियों से मुठभेड़ व माओवादियों की ओर से जंगलों में बिछाये गये आईईडी विस्फोट से जवान और ग्रामीणों को भारी नुकसान हुआ है. अबतक करीब 26 जवान घायल हुए हैं. वहीं, आईईडी बम की चपेट में आने से 10 ग्रामीणों की जान भी गयी है. आधा दर्जन ग्रामीण गंभीर रूप से घायल हो चुके हैं. मवेशियों की भी मौत हुई है. बता दें कि पिछले करीब चार साल से नक्सलियों ने टोंटो प्रखंड को अपना सुरक्षित ठिकाना बना रखा था. टोंटो के साथ गोइलकेरा थाना क्षेत्र के जंगल के पास गांवों और पगडंडियों पर आइइडी प्रेशर बम व स्पाइक होल बिछा दिया. जिला पुलिस व सुरक्षा बलों ने तुंबाहाका में ताबड़तोड़ अभियान चलाया.
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11 अगस्त हुए मुठभेड़ में एक जवान हुआ था शहीद
दरअसल, टोंटो थानांतर्गत रेखाकोचा जंगल के समीप पहाड़ी व जंगली क्षेत्र में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के शीर्ष नेता एक करोड़ का इनामी मिसिर बेसरा की कोर टीम के साथ बीते 11 अगस्त को 5 वर्षों के बाद सुरक्षा बलों के बीच करीब आधा घंटा तक सीधी मुठभेड़ हुई. इस क्रम में सीआरपीएफ 60 बटालियन की बम निरोधक दस्ता टीम के हवलदार सह ओडिशा के क्योंझर जिला अंतर्गत कल्याणपुर के रहने वाले सुशांत कुमार खुंटिया शहीद हो गये थे. वहीं कांस्टेबल मुन्ना लाल यादव घायल हो गये. उनको पांच में गोली लगी थी. उनका इलाज रांची में चल रहा है.
सरजोमबुरु पहाड़ी पर बंकर बनाकर रह रहा था मिसिर बेसरा
जानकारी के अनुसार, एक माह पूर्व सरजोमबुरु से विस्थापित होने के बाद मिसिर बेसरा ने सरजोमबुरु की पहाड़ी पर बंकर बना लिया था. वहां छिपकर रह रहा था. उसने बंकर को नया मुख्यालय बना लिया था, जिसे सुरक्षाबलों ने ध्वस्त कर दिया है. मुठभेड़ में सुरक्षा बलों को भारी पड़ता देख नक्सली जंगल व पहाड़ का लाभ उठाते हुए भाग खड़े हुए. इसके बाद सुरक्षाबलों ने नक्सलियों के खिलाफ सर्च अभियान चलाते हुए भारी मात्रा में गोला-बारूद व दैनिक उपयोग का सामान बरामद किये गये. इसके ठीक तीन दिन बाद यानी 14 अगस्त को नक्सलियों ने हमला किया.
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सुरक्षाबलों ने 11 बंकर किया था ध्वस्त
पुलिस अधीक्षक आशुतोष शेखर ने बताया कि 10 अगस्त को सर्च अभियान चलाया गया था. नक्सलियों के कई बंकर ध्वस्त किया गया था. सर्च अभियान क क्रम में अलग-अलग स्थानों पर कुल 11 बंकर मिले थे. यहां से भारी मात्रा में गोला-बारूद व दैनिकी बर्तन उपयोग की सामग्री मिली थी. सभी बंकरों को ध्वस्त कर दिया गया है. नक्सलियों का सबसे बड़ा बंकर 50 फीट गुणा 25 फीट का था. इस अभियान के दौरान कुल 17 आईईडी बरामद किया गया था.
अबतक 200 से ज्यादा आईईडी व स्पाइक होल नष्ट
पुलिस व सुरक्षाबलों की ओर से करीब एक माह से लगातार नक्सलियों के खिलाफ चल रहे सर्च अभियान से नक्सली बौखलाहट में हैं. सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के लिए जंगलों में 200 से ज्यादा आइइडी व स्पाइक होल बिछाया गया है. इसे सुरक्षाबलों ने सर्च अभियान के क्रम में नष्ट किया है.