चाईबासा. पश्चिमी सिंहभूम जिले के नक्सल प्रभावित सारंडा क्षेत्र के छोटानागरा थाना अंतर्गत बहदा गांव में आदिवासी समुदाय के नौ परिवारों के धर्म परिवर्तन कर दूसरा धर्म अपनाने के बाद तनाव है. इन परिवारों द्वारा गांव में नया मकान निर्माण शुरू करने पर ग्रामीणों ने इसका विरोध किया है. स्थिति इतनी बिगड़ गयी है कि गांव में काफी तनाव है. इनमें सोमरा चाम्पिया, दुला चाम्पिया, बीनु चाम्पिया, डुमु चाम्पिया, मंद्रु गागराई, लखन चाम्पिया, कारो चाम्पिया नाम के दो लोग और लांसाय चाम्पिया का परिवार शामिल है. गांव के पारंपरिक मुखिया व मुंडा रोया सिधु ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन करने वाले परिवार गांव में घर बनाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन ग्रामीणों ने फाउंडेशन खुदाई का कार्य रोक दिया. उन्होंने कहा कि मामला अब छोटानागरा थाना पुलिस के संज्ञान में है. ग्रामीणों ने अंचलाधिकारी से भी अनुरोध किया है कि जब तक इस विवाद का न्यायिक और प्रशासनिक समाधान नहीं निकलता, तब तक गांव में कोई नया निर्माण कार्य न हो. मुंडा रोया सिधु ने कहा कि ये लोग बहदा गांव के मूल निवासी नहीं हैं, बल्कि पास के कुमडीह के रोगड़ा इन्क्रोचमेंट गांव में वर्षों से रह रहे हैं. गांव के लोग इस बात पर एकजुट हैं कि धर्म परिवर्तन करने वालों को बहदा गांव में नया घर बनाने की अनुमति नहीं देंगे. ग्रामीणों की मांग है कि पुलिस और प्रशासन इस विवाद को गंभीरता से ले और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करे. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर मामले का समाधान जल्द नहीं हुआ, तो स्थिति गंभीर हो सकती है. थाना प्रभारी और सीओ ने मामले को लेकर अनभिज्ञता जाहिर की है.
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