किरीबुरु : ईरान से लौट भारत सरकार के आर्मी कैंप जैसलमेर (राजस्थान) स्थित क्वारंटाइन सेंटर में कोविड-19 से जुडी़ चिकित्सीय जाँच एंव क्वारंटाइन अवधि पूरा करने के बाद आज सुबह दो बजे किरीबुरु पहुंचा फहीम अहमद (32 वर्ष), पिता अब्दुल सत्तार मंसूरी को टीआर गेट किरीबुरु में रोकने के बाद इन्स्पेक्टर शिवपूजन बहेलिया ने सक्षम पदाधिकारियों से बात कर तथा मिले दिशा-निर्देश के बाद अपग्रेड उच्च विद्यमान किरीबुरु स्थित क्वारंटाइन सेंटर भेज दिये, जहाँ दण्डाधिकारी लक्ष्मण गोप, मुखिया पार्वती किडो़ द्वारा सेंटर में जरूरी सुविधाएं उपलब्ध करा रखा गया है.
फहीम को जैसलमेर से किरीबुरु आने संबंधित पूरी जानकारी उसके भाई फरीद मंसूरी ने पहले से हीं किरीबुरु पुलिस एंव सेल अस्पताल की कोविड-19 से जुड़ी मेडिकल टीम को दे दी थी. इस बाबत फहीम अहमद ने प्रभात खबर को बताया की वह मेन मार्केट किरीबुरु का निवासी है तथा लगभग चार माह पूर्व रोजगार हेतु ईरान गया था. इस दौरान कोरोना महामारी फैलने के बाद भारत सरकार ने ईरान में फंसे हम भारतीय को लाने की कोशिश की एंव दिल्ली से एक मेडिकल टीम ईरान भेजी गई थी.
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फहीद ने बताया कि 16 मार्च को हम सभी का कोरोना सेंपल लेकर जाँच की एंव जाँच निगेटिव आने के बाद ईरान से 195 लोगों को विशेष विमान से दिल्ली 18 मार्च को लाया गया. दिल्ली एयरपोर्ट पर कोरोना से जुड़ी चिकित्सीय जाँच के बाद दूसरे विमान से हमें जैसलमेर आर्मी कैंप ले जाया गया जहाँ क्वारंटाइन कर 31 मार्च एंव 18 अप्रैल को सेंपल लेकर दो बार कोरोना जाँच किया गया और जाँच रिपोर्ट निगेटिव आया.
मुखिया पार्वती किडो ने कहा कि सेल अस्पताल में भी क्वारंटाइन सेंटर बनाया गया है लेकिन बीडीओ समरेश भंडारी ने बताया की वहाँ फहीम को रखने से बाकी मरीज व स्टाफ पैनिक होंगे इसलिये इन्हें स्कूल के क्वारंटाइन सेंटर में विशेष निगरानी में रखा जा रहा है.