Chaibasa News : पिकनिक और आस्था का समागम है रामतीरथ धाम

ओडिशा-झारखंड की सीमा पर स्थित है धाम,यहां के मनोरम दृश्य, कल-कल करती नदी की धारा आकर्षण का केंद्र

By Prabhat Khabar News Desk | December 5, 2024 11:13 PM

जैंतगढ़.ओडिशा-झारखंड की सीमा पर स्थित जैंतगढ़ का रामतीरथ धाम आस्था का महाकेंद्र है. यहां पर्यटन की भी असीम संभावनाएं हैं. यहां के मनोरम दृश्य, शांतभूमि, कल-कल करती नदी की धारा, चट्टानों से टकराकर बिखरते फव्वारे, नदी के किनारे कतारबद्ध ऊंचे वृक्षों की छांव, सैलानियों का मन मोहती हैं. मंदिर प्रांगण में बना चबूतरा, शेड और चारों ओर लगाये फूलों के बागान आनंद के सागर में गोते लगाने को मजबूर करते हैं.

रामतीरथ धाम में तीन मंदिर हैं. जिसमें रामेश्वरम शिव मंदिर, सीताराम मंदिर और भगवान जगन्नाथ मंदिर शामिल हैं. मान्यता है कि वनवास के समय भगवान राम इस धाम में कुछ समय विश्राम किये थे. इसलिए यहां का नाम रामतीरथ पड़ा.रामतीरथ धाम में वैतरणी उतरायण की ओर बहती है. जिसकी सनातन धर्म में बड़ी मान्यता है. लोग यहां अंतिम संस्कार को आते हैं. इसे स्वर्ग द्वार की हैसियत प्राप्त है.

भगवान राम के पद चिह्न और खड़ाउं भी सुरक्षित

भगवान राम ने वैतरणी नदी स्थित प्राकृतिक कुंड जिसे अब राम कुंड के नाम से जाना जाता है. इस कुंड में स्नान कर एक शिवलिंग को स्थापित किया था और उसकी पूजा की थी. इसी शिवलिंग के चारों ओर मंदिर बनाया गया है. जिसे आज भी लोग श्रद्धा के साथ पूजते हैं. भगवान राम के पद चिह्न और खड़ाउं भी सुरक्षित हैं. रामकुंड में स्नान करने से लोगों के पाप धूल जाते हैं. मनोकामना पूरी होती है. यहां मकर संक्रांति, शिवरात्रि और रथयात्रा के समय विशाल मेला का आयोजन होता है. पूरे सावन के महीने में और प्रत्येक सोमवार को यहां काफी भीड़ रहती है.

कैसे पहुंचे

बस से सबसे पहले जैंतगढ़ पहुंचे. यहां से सात किमी की दूरी तय कर देव गांव पहुंचे. वहां से आधा किमी पक्की सड़क द्वारा रामतीरथ धाम पहुंचें. नाेवामुंडी, जामदा से 12 किमी चलकर देवगांव पहुंच कर रामतीरथ पहुंचें. ओडिशा के लोग चंपुआ पहुंच कर सात किमी का सफर तय कर बलिया दीपा होते रामतीरथ पहुंच सकते हैं.

सतर्कता

वैतरणी नदी के पास खास कर रामकुंड काफी गहरा है. पानी में दूर तक न जाएं. चट्टानों में फिसलन अधिक है. बच्चों को अकेले न छोड़ें. यहां पानी घुमावदार है. सतर्क होकर स्नान करें.

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