Chaibasa News : सारंडा बनेगा इको टूरिज्म, प्राकृतिक खूबसूरती को निहार सकेंगे सैलानी

पर्यटकों के लिए सभी सुविधाओं से युक्त कॉटेज बनाये जायेंगे

By Prabhat Khabar News Desk | January 7, 2025 11:54 PM

चाईबासा.करीब 700 पहाड़ियों से घिरा एशिया का सबसे बड़ा साल जंगल सारंडा प्रकृति की मनमोहक कला का अनुपम उदाहरण है. यहां की प्राकृतिक खूबसूरती पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है. यहां कई स्थान ऐसे हैं, जिसे पर्यटन स्थल बनाने से सरकारी राजस्व बढ़ेगा और स्थानीय लोगों रोजगार मिलेगा. झारखंड गठन के 24 साल बाद वन विभाग ने सारंडा को इको टूरिज्म (पारिस्थितिक पर्यटन) के रूप में विकसित करने की पहल की है. इसके तहत पर्यटकों के लिए सभी सुविधाओं से युक्त कॉटेज बनाये जायेंगे. यहां से लोग प्रकृति की अनुपम कला को निहार सकेंगे. वहीं, सारंडा के घने जंगलों में मनोरम दृश्य और कई वाटर फॉल (झरना) का आनंद ले सकेंगे.

सात पर्यटन स्थल व चार-पांच सर्किट पर चल रहा काम

सारंडा में कुल सात पर्यटन स्थल विकसित करने पर काम चल रहा है. यहां चार से पांच सर्किट (परिसदन) बनाये जाएंगे, जहां लोग भ्रमण कर सारंडा की खूबसूरती को निहार सकेंगे. यहां लोग बोटिंग (नौका विहार) का आनंद ले सकेंगे. यह लोगों के लिए फॉरेस्ट एडवेंचर (जंगल सफारी) से कम नहीं होगा. यहां के स्थानीय युवाओं को गाइड के रूप में काम मिलेगा. वहीं, टूरिस्टों को स्थानीय पारंपरिक लजीज व्यंजन उपलब्ध हो सकेगा.

ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार

वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इको टूरिज्म के रूप में विकसित करने की योजना पर काम चल रहा है. इससे ग्रामीणों को भी फायदा होगा. उन्हें छोटा- मोटा रोजगार उपलब्ध हो जायेगा. गांव के लोग गाइड के रूम में काम कर सैलानियों की मदद करेंगे. वहीं, खाने- पीने का सामन बेचकर अपना रोजगार भी चला सकेंगे.

ये वाटर फॉल होंगे विकसित

सारंडा के रानी डूबा झरना, घाघरथी झरना, ससंगदा में सिद्धार्थ जल प्रपात व लिगिरदा टोयोवो लयाल का वाटर फॉल को विकसित करने की योजना है.

यहां मिलेगी ठहरने की सुविधा

घाघीरथी, थोलकोबाद, बरायबुरु, किरीबुरु व बरायबुरु में कॉटेज बनेंगे.

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