झींकपानी. झींकपानी प्रखंड के कुदाहातू स्थित सिमजांग के दोदरोबासा में पेयजल का गंभीर संकट है. यहां पेयजल एवं स्वच्छता विभाग से निर्मित 21000 लीटर क्षमता की पानी टंकी वर्षों से बेकार है. गांव में लगभग 45 परिवार हैं. गांव में तीन चापाकलों में दो खराब हैं. एक चापाकल से बमुश्किल पानी निकलता है. ग्रामीण स्थानीय गुमड़ा नदी किनारे गड्ढे बनाकर पीने का पानी निकालते हैं. दोदरोबासा की पानी टंकी 4-5 वर्षों से बेकार साबित हो रही है. पानी टंकी बनने के बाद ग्रामीणों में उम्मीद जगी थी कि पाइप से घरों तक पानी पहुंचेगा. विभाग ने पाइपलाइन बिछाने का काम अधूरा छोड़ दिया. टंकी से पानी सप्लाई कभी ठीक ढंग से नहीं हो पायी. वर्तमान में पानी टंकी पर लगे मोटर व पाइप चोरी हो गये. टंकी के सोलर प्लेट गायब हो गये हैं.
पानी के लिए रतजगा करते हैं ग्रामीण
पानी टंकी बनने के बाद कभी ग्रामीणों को सही ढंग से पानी नहीं मिला. गांव के चापाकल भी खराब हैं. हमें पानी के लिए रतजगा करना पड़ता है.– सोमवारी देवी, ग्रामीणपानी के लिए अहले सुबह से चापाकल पर भीड़ लगती है. तेज धूप व गर्मी में घर के सारे कार्य छोड़कर दोपहर में पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ती है.
– शांति कुमारी, ग्रामीणविभाग की उदासीनता के कारण पानी टंकी बनने के बाद से बेकार है. गर्मी में चापाकल भी जवाब देने लगे हैं. नदी का पानी छानकर पीने को विवश हैं.– शशि देवी, ग्रामीण
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