प्रतिनिधि, चाईबासा
कोल्हान विश्वविद्यालय के कई महत्वपूर्ण मामले अटके हुए हैं. इनपर अबतक कोई निर्णय नहीं हो सका है. इनमें आउटसोर्स कर्मियों के मानदेय के चार माह से बकाया, केयू के बीएड व एमएमड विभाग में कार्यरत शिक्षकों का नवीकरण का मामला उलझा हुआ है. आउटसोर्स के रूप में विश्वविद्यालय मुख्यालय व अंगीभूत कॉलेजों में काम कर रहे 180 से अधिक कर्मियों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. इनमें कंप्यूटर ऑपरेटर, सुरक्षा गार्ड, सफाई कर्मी व प्यून शामिल हैं. दूसरी और, एमएड व अंगीभूत नौ कॉलेजों में कार्यरत लगभग 70 शिक्षक व 28 शिक्षकेतर कर्मी भी कई माह से उहापोह में हैं. उनके रिन्युअल की प्रक्रिया अबतक पूरी नहीं हो पायी है. इस बीच चुनाव आचार संहिता लग जाने के बाद निर्णय लेने की प्रक्रिया पूरी नहीं की जा सकी है.कुलसचिव का कार्यकाल हुआ खत्म
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. राजेन्द्र भारती का कार्यकाल 18 नवंबर को समाप्त हो गया है. केयू सूत्रों के अनुसार, सोमवार तक उनके एक्सटेंशन की खबर देर शाम तक विश्वविद्यालय नहीं पहुंची थी. संभावना है कि एक बार पुन: डॉ. भारती को एक्सटेंशन दिया जायेगा. 23 नवंबर के बाद इस विषय पर कोई निर्णय लिया जा सकेगा.डेढ़ वर्षों से कुलपति नहीं, राजभवन से लेनी पड़ती है अनुमति
मालूम हो कि कोल्हान विश्वविद्यालय में पिछले डेढ़ वर्ष से अधिक समय से स्थायी कुलपति बहाल नहीं होने के कारण हर निर्णय के लिए राजभवन से अनुमति लेनी पड़ती है. इसकी वजह से कई कार्य निर्धारित समयावधि के भीतर नहीं हो पा रहा है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है