Chiabasa News : तिलकुट की सोंधी महक से गुलजार हो रहा शहर
लक्खीसराय के कारीगर चक्रधरपुर में बना रहे तिलकुट
चक्रधरपुर. मकर संक्रांति नजदीक आते ही चक्रधरपुर के बाजारों में तिलकुट की सोंधी खुशबू आने लगी है. बिहार के लक्खीसराय जिला के कारीगरों द्वारा चक्रधरपुर में तिलकुट तैयार किया जा रहा है. एक माह से बड़े पैमाने पर तिलकुट तैयार किया जा रहा है. चक्रधरपुर में 15 दिसंबर से तिलकुट बनाने का काम जारी है. तिलकुट तैयार करने के लिए लक्खीसराय के एक दर्जन से अधिक कारीगरों को लगाया गया है. चक्रधरपुर में प्रतिदिन सवा सौ क्विंटल से अधिक तिलकुट तैयार हो रहा है. बेहतर क्वालिटी के तिलकुट तैयार करने के लिए कारीगर दिन-रात मेहनत कर रहे हैं. खोया और गुड़ के मशहूर तिलकुट शहरवासियों को खूब भाता है. हल्की मिठास और सोंधी महक वाले तिलकुट शहर व आसपास के इलाकों में अलग ही पहचान बना चुकी है. चक्रधरपुर के तिलकुट की मांग दूसरे जिला में भी है. चक्रधरपुर से तैयार तिलकुट चाईबासा, नोवामुंडी, बड़बिल, खरसावां, मनोहरपुर, गोइलकेरा, सोनुआ, बंदगांव समेत ओडिशा के कई स्थानों में पहुंचता है.
मकर संक्रांति में तिलकुट का मजा हो जाता है दोगुना
तिलकुट का मजा मकर संक्रांति के दिन दोगुना हो जाता है. जाड़े के मौसम में तिलकुट की मांग बढ़ जाती है. चीनी व गुड़ से बने स्वादिष्ट तिलकुट की खुशबू चक्रधरपुर और आसपास के इलाकों में भी फैलने लगी है. मकर संक्रांति के मौके पर खेत खलिहान से निकलने वाला नया चूड़ा और खासतौर पर तिलकुट लोग अपने परिजनों को भेजने की परंपरा निर्वहन करते हैं. 10 जनवरी से तिलकुट की खरीदारी जोर पकड़ता है, यह 14 जनवरी तक चलता है.
20 साल से तिलकुट बनाने का काम कर रहे : पिंटु कुमार
लक्खीसराय के कारीगर पिंटु कुमार ने कहा कि 12 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद बेहतर क्वालिटी का खस्ता तिलकुट तैयार होता है. चक्रधरपुर में पिछले 20 साल से तिलकुट बनाने का काम करते आ रहे हैं. प्रत्येक साल अपनी टीम के साथ चक्रधरपुर पहुंचते हैं. एक माह चक्रधरपुर में रहकर तिलकुट बनाने का काम करते हैं. इसके बाद लक्खीसराय जाकर अपने काम में जुट जाते हैं. एक माह अच्छी आमदनी हो जाती है.
एक दर्जन लोगों को मिलता है रोजगार : सुरेंद्र गुप्ता
दुकानदार सुरेंद्र गुप्ता ने कहा कि बेहतर क्वालिटी का तिलकुट तैयार करने की हरसंभव कोशिश जा रही है. तिलकुट के इस व्यवसाय में उन्होंने तकरीबन एक दर्जन से अधिक लोगों को रोजगार भी मुहैया कराया है. पिछले दो दशक से वह तिलकुट व्यवसाय से जुड़े हैं. इस बार मकर संक्रांति में अच्छी व्यवसाय होने की संभावना है. रोज सौ-सवा सौ क्विंटल तिलकुट तैयार हो रहा है.
तिलकुट की कीमत (प्रति किलो)
खोया तिलकुट : 400 रुपयेगोल तिलकुट : 280 रुपयेचेपटा तिलकुट : 280 रुपये
गुड़ तिलकुट : 320 रुपयेगुड़ पापड़ी तिलकुट : 300 रुपयेरेवड़ी तिलकुट : 240 रुपयेतिल लड्डू : 240 रुपये
काजू तिलकुट : 300 रुपयेबर्फी तिलकुट : 240 रुपयेडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है