Chaibasa News : 32 बिरहोर परिवार की स्थिति दयनीय, रस्सी बनाकर जीवन यापन कर रहे
बंदगांव प्रखंड के कांडेयोंग वनग्राम में रहते हैं 32 बिरहोर परिवार
बंदगांव. पश्चिम सिंहभूम जिला के अति नक्सल प्रभावित बंदगांव प्रखंड के कांडेयोंग वनग्राम स्थित 32 बिरहोर परिवार की स्थिति काफी दयनीय है. ये परिवार मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. परेशानी को देखते हुए सोमवार को ग्राम मुंडा सोमचांद बिरहोर की अध्यक्षता में बैठक हुई. इस मौके पर मुखिया शीलवंती ओडिया मुख्य रूप से उपस्थित थी. बैठक में ग्राममुंडा सोमचांद बिरहोर ने कहा कि झारखंड सरकार से अभी तक मूलभूत सुविधा उपलब्ध नहीं हो पायी है. इस क्षेत्र में 20 साल से अधिक समय से रह रहे हैं. इसके बावजूद सरकार सुध नहीं ले रही है. आवास के अभाव में आज भी यहां के बिरहोर लकड़ी के घर में रहने को विवश हैं. घर पर प्लास्टिक ढंककर जीवन गुजारने को मजबूर हैं. अभी तक एक भी परिवार को आवास योजना का लाभ नहीं मिला है. रोजगार नहीं मिलने पर पलायन करने को मजबूर हैं.
नहीं बन रहे जाति, आय और आवासीय प्रमाण पत्र
बिरहोरों ने बताया कि वनपट्टा नहीं मिलने के कारण हमलोगों का आय, जाति और आवासीय प्रमाण पत्र नहीं बन रहा है. इससे बच्चों की पढ़ाई लिखाई में परेशानी हो रही है. हमलोगों के लिए कोई रोजगार नहीं है. गांव में बिजली की भी व्यवस्था नहीं है. पेयजल की स्थिति भी दयनीय है. यहां एक भी बोरिंग नहीं की गयी है. कहा कि ठंड में बिरहोरों को कंबल भी नहीं मिला. बहुत सारे बिरहोर का राशन कार्ड भी नहीं बना है. हम बिरहोरों को देखने वाला कोई नहीं है. प्रशासन द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है. इस कारण यहां के बिरहोरों की स्थिति काफी दयनीय है. क्षेत्र में बीडीओ, सीओ व एसडीओ बराबर आते हैं. इसके बावजूद बिरहोर की स्थिति नजर नहीं आता है. विकास के नाम पर यहां के बिरहोर काफी पिछड़े हैं.
हस्तकरघा केंद्र भी हो गया बंद
ग्राम मुंडा ने कहा कुंदरुबुटु में भारत सेवाश्रम द्वारा बिरहोरों के रोजगार के लिए हस्तकरघा केंद्र खोला था. उसमें बिरहोरों को प्रशिक्षण देकर कपड़ा बुनाई करायी जाती थी. मगर अब यह भी बंद हो गया है. इससे बिरहोर बेरोजगार हो गये हैं. वर्तमान में कुछ बिरहोर पेड़ की छाल से रस्सी बनाकर अपना जीवन कर रहे हैं. मुखिया शीलवंती ओडिया ने ग्रामीणों को सांत्वना दिया कि आप लोगों की समस्या को बीडीओ, सीओ तथा डीसी के समक्ष रखा जाएगा. उन्होंने कहा कि समस्या का समाधान होना जरूरी है. इसके लिए हरसंभव प्रयास करेंगे. इस मौके पर बुधराम बिरहोर, श्याम बिरहोर, पानी बिरहोर, बुधराम बिरहोर, बहादुर बिरहोर, सोमोल बिरहोर, बुधनी बिरहोर, उषा बिरहोर समेत काफी संख्या में लोग उपस्थित थे.
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