मझगांव ग्रामीण जलापूर्ति डेढ़ महीने से ठप, 2300 परिवार पानी के लिए परेशान

चार साल पहले बनी योजना गर्मी आते ही बेकार हो जाती है, नदी का पानी सूखने के कारण घरों में नहीं हो पाती आपूर्ति

By Prabhat Khabar News Desk | May 27, 2024 11:46 PM

मझगांव. मझगांव प्रखंड ग्रामीण जलापूर्ति योजना बीते डेढ़ माह से बंद है. ऐसे में 2300 परिवारों को पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है. प्रखंड की तीन पंचायतों के दर्जनों गांवों को 2300 परिवारों को योजना का लाभ मिलता था. करोड़ों की लागत से बनी जलापूर्ति योजना गर्मी आते ही बेकार साबित हो जाती है. योजना आरंभ हुए लगभग चार वर्ष बीच चुके हैं. हर साल गर्मी में मार्च के बाद 2300 परिवारों को पानी मिलाना बंद हो जाता है. नदी में पानी सूखने से संकट उत्पन्न हो जाता है. जबतक नदी में बारिश का पानी नहीं आता है, तबतक लोगों को घर में पानी नहीं मिलेगा.

चेकडैम की मांग कर रहे ग्रामीण

नदी में जल जमाव के लिए ग्रामीण चेकडैम निर्माण की मांग कर रहे हैं. जनप्रतिनिधि व पीएचडी के पदाधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं. लोगों को बरसात के पानी पर निर्भर रहना पड़ेगा. विभाग की ओर से गुड़गांव नदी में तत्काल कोई काम नहीं होगा, क्योंकि जून के दूसरे सप्ताह से मॉनसून दस्तक दे रहा है. नदी में चेकडैम का निर्माण बरसात के बाद अक्तूबर-नवंबर माह से होने की संभावना है.

आजादी के बाद पहली बार हुई थी व्यवस्था

ग्रामीणों ने कहा कि देश की आजादी के बाद पहली बार क्षेत्र में घर-घर नल से पानी सप्लाई शुरू हुई थी. हम सभी बहुत खुश थे कि पानी की समस्या दूर हुई है. दुर्भाग्यवश गर्मी में पानी मिलना बंद हो जाता है.

…ग्रामीण बोले- वैकल्पिक व्यवस्था हो…

करोड़ों रुपये की योजना बेकार हो गयी है. लगता है सिर्फ ठेकेदारी हुई है. आम लोगों को कोई फायदा नहीं मिल रहा है. – अनिस पिंगुवा, ग्रामीण

लगभग डेढ़ माह से योजना पूरी तरह बंद है. दूसरे गांव या टोला से पानी लाकर परिवार चलाना पड़ रहा है. – सुनील पिंगुवा, ग्रामीण

पहले तो 8-10 दिनों में पानी मिल जाता था. अब डेढ़ महीना से नहीं मिला है. किससे कहें, कोई सुनने वाला नहीं है. – मंगल बिरुवा, ग्रामीणमस्जिद मोहल्ला में निर्माण के बाद से पानी नहीं मिला है, काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.- मो इमरान, ग्रामीण

पानी की समस्या के लिए कई बार विभाग से गुहार लगायी जा चुकी है. आजतक विभाग से पहल नहीं की गयी है. दूसरा प्रयास जारी है. – लंकेश्वर तामसोय, जिप सदस्य

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