Chaibasa News : दो हाथियों ने पांच गांव में आठ घर तोड़े, ग्रामीण कर रहे रतजगा
आनंदपुर में हाथियों का उत्पात एक माह से जारी, वन विभाग मौन
आनंदपुर. आनंदपुर प्रखंड में हाथियों का उत्पात लगातार एक माह से जारी है. अब तक हाथियों ने 20 घर, एक आंगनबाड़ी केंद्र और एक स्कूल तोड़ चुका है. हाथियों ने 11 दिसंबर की रात में एक ग्रामीण को कुचल कर मार डाला था. इससे ग्रामीण रतजगा करने को मजबूर हैं. गुरुवार को दो जंगली हाथी ने आनंदपुर प्रखंड के बुरुइचिंडा, बोमड़ी, सारंगा, बटमा और झारबेड़ा गांव में आठ घरों को तोड़ दिया. लगातार तीसरे दिन हाथियों द्वारा मकान तोड़े जाने से ग्रामीणों में भय का माहौल है. बुधवार की शाम 7 बजे हाथियों ने बुरुइचिंडा गांव के रामसूरत पाइक और फुलमनी पाइक के घर पर दोबारा हमला कर दिया. इस दौरान हाथियों ने अरविंद पाइक के घर को भी क्षतिग्रस्त कर दिया. मंगलवार रात में हाथियों ने रामसूरत और फूलमनी के घर पर हमला किया था. इस कारण घर के सभी सदस्य गांव के एक दूसरे घर में शरण लिये हुए हैं. जानकारी मिलने पर ग्रामीण एकजुट होकर काफी मुश्किल से हाथियों को खदेड़ा. हाथियों का जोड़ा बेड़ाइचिंडा होते हुए देर रात सतबोमड़ी गांव पहुंचा. वहां राजेश तिर्की व पायतु तिर्की के घर को क्षतिग्रस्त कर अनाज खाया. इसके बाद हाथी सारंगा गांव के एतो लिंडवार के मकान को क्षतिग्रस्त कर दिया. ग्रामीणों की सूचना पर वनकर्मियों ने पीड़ित परिवार के घर पहुंचकर नुकसान का आकलन किया. मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया.
रात में घर में सोने से डर रहे ग्रामीण
लगातार हो रहे हाथियों के हमले से ग्रामीण घर में सोने से कतरा रहे हैं. रातभर रतजगा कर समय बिता रहे हैं. बुरुइचिंडा के रामसूरत पाइक ने बताया कि हाथियों को खदेड़ने में काफी मुश्किल हो रही है. शोरगुल व पटाखे की आवाज से हाथियों पर कोई असर नहीं हो रहा है. जान, माल के नुकसान को लेकर ग्रामीण काफी चिंतित हैं. ग्रामीणों ने वन विभाग से हाथियों को खदेड़ने की मांग की है.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है