Chaibasa News : रैपिड टेस्ट किट से गांव-गांव में जाकर मलेरिया जांच करें : सीएस

चाईबासा में सिविल सर्जन ने वेक्टर बॉर्न डिजीज की समीक्षा की

By Prabhat Khabar News Desk | December 5, 2024 12:11 AM

चाईबासा. सदर अस्पताल सभागार में बुधवार को सिविल सर्जन डॉ सुशांतो कुमार मांझी की अध्यक्षता में वेक्टर बॉर्न डिजीज की समीक्षा बैठक की गयी. सीएस ने मलेरिया के प्रकोप को देखते हुए रैपिड टेस्ट किट से गांवों में ज्यादा से ज्यादा जांच करने का निर्देश दिया. जिला भीबीडी पदाधिकारी डॉ मीना कालुंडिया ने बताया कि मनोहरपुर, गोइलकेरा, टोंटो, बड़ाजामदा, सोनुआ, बंदगांव, खूंटपानी प्रखंडों में मलेरिया का प्रकोप ज्यादा देखा जा रहा है. कहा कि सहिया से मलेरिया जांच की सुविधा लोग ले सकते हैं.

मच्छरदानी लगाकर सोयें ग्रामीण

जिला भीबीडी समन्वयक शशि भूषण महतो ने बताया कि लोगों के जागरुकता के लिए स्कूलों, पंचायतों और समुदाय में कैंप लगाया जा रहा है. लोगों को मच्छरों से बचाव के लिए शरीर को ढक कर रखना, आसपास पानी जमा नहीं होने देना, धान काटते वक़्त मच्छरों से बचाव करना, मच्छरदानी लगाकर सोना चाहिए. श्री महतो ने सभी भीबीडी प्रभारियों को मलेरिया मरीजों को पूरी जानकारी और इलाज के लिए तैयार रहने तथा फाइलेरिया अंतर्गत हाइड्रोसिल ऑपरेशन के लिए मरीजों को तैयार कर ज्यादा से ज्यादा ऑपरेशन करवाने का निर्देश दिया.बैठक में भीबीडी टेक्निकल पर्यवेक्षक अहसान फारूक, एफएलए मनीष कुमार, पिरामल फाउंडेशन से विकाश कुमार, सुरजीत गोयल, दिनेश्वर प्रधान, स्नेहा और सभी भीबीडी इंचार्ज और एमपीडब्लू उपस्थित थे.

स्वास्थ्य सेवा को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना लक्ष्य

नोवामुंडी.बड़ाजामदा के साप्ताहिक बाजार में बुधवार को पिरामल फांउडेशन ने ग्रामीणों के लिए स्वास्थ्य जांच शिविर लगाया. इसमें लगभग 60 गांवों के गरीब और जरूरतमंद लोगों की स्वास्थ्य जांच कर दवा दी गयी. वहीं, आवश्यक परामर्श दिये गये. संस्था के सामुदायिक समन्वयक अमरनाथ ने कहा कि स्वास्थ्य फाउंडेशन की मोबाइल मेडिकल इकाइयां भारत के विभिन्न राज्यों के सुदूरवर्ती जिलों में सबसे दूरदराज के हिस्सों में प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल पहुंचाती हैं. हाशिए पर रहने वाले समुदायों तक पहुंचती हैं, जिनके पास समय पर चिकित्सा पहुंच नहीं है. चिकित्सा पेशेवरों से नियुक्त, ये इकाइयां दैनिक सेवाएं और निःशुल्क दवाएं प्रदान करती हैं. शिविर में बुजुर्ग, स्कूली बच्चों और अन्य समुदाय के सदस्यों को लाभ हुआ. श्री महतो का कहना है कि डॉक्टर ऑन व्हील्स का लक्ष्य आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं को सीधे उन लोगों तक पहुंचाना है. सभी के लिए शीघ्र पहचान, रोकथाम और उपचार सुनिश्चित करना है.

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