चाईबासा (अभिषेक पीयूष) : एक बार फिर पार्षदों ने नगर पर्षद के कार्यपालक अभियंता समेत नप के कार्यकारी अध्यक्ष सह उपाध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. इनका आरोप है कि चाईबासा नगर पर्षद की बैठक पिछले 9 माह से नहीं बुलायी गयी है. पूर्व की बैठक के प्रतिवेदन में फेरबदल कर दिया गया है. सरकार की ओर से विभिन्न मदों में उपलब्ध करायी जा रही राशि को पदाधिकारी द्वारा अपनी सुविधा और विवेक के अनुसार खर्च किया जा रहा है. इस बाबत मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से शिकायत की गयी है.
पार्षदों ने चाईबासा नगर पर्षद कार्यालय से मांगी गई जानकारी नहीं उपलब्ध कराने के विरोध में झारखंड नगर विकास एवं आवास विभाग के साथ ही राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, झारखंड के मुख्य सचिव, कोल्हान के आयुक्त व पश्चिमी सिंहभूम के उपायुक्त को पत्र भेजकर दोषी पदाधिकारियों के विरूद्ध जांच करते हुए कार्रवाई करने की मांग की है.
शिकायत पत्र में बताया गया है कि नगर पर्षद चाईबासा की अंतिम मासिक बैठक 21 जनवरी 2020 को हुई थी. 18 जनवरी को सभी पार्षदों के द्वारा नगर पर्षद चाईबासा से संबंधित 21 सूत्री जानकारी उपलब्ध कराने से संबंधित नगर परिषद के कार्यकारी अध्यक्ष सह उपाध्यक्ष डोमा मिंज समेत कार्यपालक अभियंता अभय कुमार झा को एक पत्र सौंपा गया था, लेकिन नप के मासिक बैठक में पार्षदों को न ही 21 सूत्री मांग के संबंध में कोई जानकारी उपलब्ध करायी गई, न तो आज तक किसी भी पार्षद को इसकी कोई जानकारी दी गई है.
पार्षदों ने आरोप लगाया कि चाईबासा शहर के समुचित विकास को लेकर सरकार की ओर से विभिन्न मदों में उपलब्ध करायी जा रही राशि को भी पदाधिकारी अपनी सुविधा और विवेक के अनुसार खर्च कर रहे हैं, जो कि एक गंभीर मामला है. ऐसे में पार्षदों ने गुहार लगायी है कि मामले को गंभीरता से लेते हुए इसकी निष्पक्ष एवं उच्च स्तरीय जांच करायी जाये. शिकायत करने वालों में चाईबासा शहरी क्षेत्र के कुल 21 वार्डों में से 18 वार्ड के पार्षद शामिल हैं. पार्षदों ने आरोप लगाया कि 21 जनवरी को हुई बैठक की कार्यवाही सूची पत्र में एक ही व्यक्ति द्वारा दो अलग-अलग तिथियों को हस्ताक्षर किया गया है. उक्त दोनों तिथियों को हस्ताक्षरित पत्र में बोर्ड की बैठक में लिए गये निर्णय भी अलग-अलग हैं.
Posted By : Guru Swarup Mishra