चक्रधरपुर. चक्रधरपुर प्रखंड की आसनतलिया पंचायत के केनाल में पानी छोड़े जाने के कारण किसानों के खेतों में पानी घुस गया है. पानी घुसने के कारण तैयार धान की फसल बर्बाद हो रही है. इससे इंदकाटा, मोरांगटांड़, कोटुवा, ठसकपुर समेत कई गांवों के किसानों ने पानी रोकने की मांग की है. किसान तैयार धान की कटाई भी नहीं कर पा रहे हैं. पूरे खेत में पानी भर गया है. इससे खेत कीचड़ से सन गया है. कई जगहों पर तो घुटने भर पानी भर गया है. ऐसे में धान की कटाई मुश्किल हो गयी है. वहीं नहर के किनारे वाले खेतों की धान काटकर किसान मेड़ पर सुखा रहे हैं. धान सूखने के बाद उसे खलिहान तक ले जायेंगे. ग्रामीणों ने बताया कि बिना सूचना के ही नहर में पानी छोड़ दिया गया है. जब पानी की जरूरत होती है, तब नहर में पानी नहीं छोड़ा जाता है. जब धान की कटनी भी शुरू हो गयी है, तब नहर में पानी छोड़ा जा रहा है. ग्रामीणों ने कहा कि तत्काल पानी को बंद किया जाए.
धान बिक्री के लिए पंजीयन करायें किसान : सीओ
चक्रधरपुर प्रखंड कार्यालय में शनिवार को सीओ सुरेश सिन्हा ने प्रखंड के किसान मित्रों, अंचल कर्मी, एटीएम तथा बीटीएम के साथ धान अधिप्राप्ति के लिए बैठक की. बैठक में उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा लैम्पस के माध्यम से धान क्रय किया जायेगा. इसके लिए किसानों को पहले पंजीयन कराना होगा. पंजीयन कराने के बाद ही किसान लैम्पस में अपना धान बेच सकते हैं. किसानों को पंजीयन कराने के लिए किसान मित्रों को गांव-गांव में प्रचार प्रसार करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि किसान पंजीयन करायेंगे, तो लैंपस में धान बेचने में उन्हें सहूलियत होगी. उन्होंने बताया कि वर्तमान में सरकार ने 2400 रुपये प्रति क्विंटल धान क्रय के लिए राशि घोषित की है. बैठक में सीआई घनेन्द्र प्रताप नायक समेत काफी संख्या में प्रखंड के किसान मित्र, अंचलकर्मी, बीटीएम एवं एटीएम मौजूद थे.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है