मझगांव प्रखंड के उली बागान मैदान में गुरुवार को आदिवासी सेंगेल अभियान की बैठक हुई. इसकी अध्यक्षता जिला सचिव वीरसिंह गागराई ने की. सेंगेल के पश्चिम सिंहभूम जिला अध्यक्ष चरण चातार ने कहा कि सरना धर्म कोड भारत के प्रकृति पूजक लगभग 15 करोड़ आदिवासियों के अस्तित्व व पहचान समेत हिस्सेदारी की लाइफलाइन है. आदिवासियों को उनकी धार्मिक आजादी से वंचित करने के लिए कांग्रेस-भाजपा दोषी हैं. 1951 की जनगणना तक यह प्रावधान था. 2011 की जनगणना में 50 लाख आदिवासियों ने सरना धर्म लिखाया था.
गांव के पास इकट्ठा होकर प्रदर्शन की अपील
चरण चातार ने कहा कि आदिवासी सेंगेल अभियान अन्य संगठनों के सहयोग से 30 दिसंबर, 2023 को सांकेतिक भारत बंद और रेल-रोड चक्का जाम करने को बाध्य है. उन्होंने संगठनों व समर्थकों से अपने गांव के पास एकजुट होकर प्रदर्शन करने का आग्रह किया. जो सरना धर्म कोड देगा, आदिवासी उसको वोट देगा. बैठक में अंकुल पिंगुवा, विकास पिंगुवा, चित्रशेन चातार, सिकेन पिंगुवा, रामसिंह पिंगुवा, करण चातार, जितेन चातार, अर्जुन चातार, आनंद चातार, रोहित चातार, गणेश तिरिया, धर्मेंद्र तिरिया, धर्मेंद्र पिंगुवा, भूषण हेंब्रम, दिपेश हेंब्रम, कविता कुल्डी, कस्तूरी हेंब्रम, शुरू पिंगुवा, सुजाता पिंगुवा, उदय पिंगुवा, घोनो चातार आदि मौजूद थे.
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