चाईबासा:तनाव,असंतुलित खान पान व लाइफ स्टाइल उच्च रक्तचाप के कारण:डॉडे

सदर अस्पताल में विश्व हाइपरटेंशन दिवस मनाया

By Prabhat Khabar News Desk | May 18, 2024 2:52 PM

चाईबासा. स्वास्थ्य विभाग ने शुक्रवार को चाईबासा सदर अस्पताल के ओपीडी परिसर में विश्व हाइपरटेंशन दिवस मनाया. मुख्य अतिथि सदर अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ एएन डे व नोड्ल पदाधिकारी डॉ शिवचरण हांसदा ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. डॉ डे ने कहा कि तनाव भरा जीवन, असंतुलित खानपान और लाइफ स्टाइल के कारण लोग उच्च रक्तचाप (हाइपरटेंशन) की चपेट में आ रहे हैं. सामान्यत: ब्लड प्रेशर की समस्या 30-35 वर्ष की आयु के बाद होती थी. अब युवा भी हाइपरटेंशन की चपेट में आ रहे हैं. इसका कारण मानसिक तनाव और लाइफ स्टाइल के साथ खानपान है.

कम उम्र के लोग आ रहे चपेट में

डॉ शिवचरण हांसदा ने कहा कि उच्च रक्तचाप गंभीर समस्या है. पहले यह समस्या उम्र बढ़ने के साथ होती थी. वर्तमान में कम उम्र के लोग चपेट में आ रहे हैं. एक्सपर्ट्स इसे ‘साइलेंट किलर’ बताते हैं. जिला एनसीडी कार्यक्रम के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 में पश्चिमी सिंहभूम के विभिन्न सीएचसी, पीएचसी व यूपीएचसी में करीब 2,78,228 लोगों की जांच की गयी. इनमें 13,818 लोगों में उच्च रक्तचाप की पहचान की गयी.

गर्भवती को विशेष सावधानी व देखभाल जरूरी

गायनोलॉजिस्ट डॉ पौलिना मुंडू ने कहा कि उच्च रक्तचाप में गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी व देखभाल की जरूरत होती है. समय-समय पर जांच कर होनेवाले दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है.

बीपी को हल्के में लेना जोखिम भरा

गायनोलॉजिस्ट डॉ हीना सोय ने कहा कि हाइपरटेंशन को हल्के में लेना जोखिम भरा हो सकता है. लंबे समय तक नजरअंदाज करने से गुर्दे, आंख व हृदय पर असर डालता है. कई बार गुर्दे फेल हो जाते हैं. आंख भी खराब हो जाती है. बीपी की समस्या हृदय रोग का मुख्य कारण है. बीपी से ब्रेन हेमरेज का खतरा रहता है. कार्यक्रम में डॉ गणेश बिरुली, डॉ भाग्यश्री, एनसीडी हरिशंकर प्रसाद, अनूप, स्मिता, मनीष, मुक्ति समेत अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित थे.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version