टंडवा : चतरा जिले में आज एक अदभुत घटना हुई. हर दिन के जाम के झंझट से परेशान पांच गांव के बच्चे सड़क पर ही बैठ कर पढ़ाई करने लगे. सुबह 8 बजे से 12.30 बजे तक बच्चे रोड पर ही पढ़ाई करते रहे. इससे आम्रपाली रोड पर आवागमन पूरी तरह बाधित हो गया. थाना प्रभारी और बीडीअो वहां पहुंचे. बच्चों और अभिभावकों को समझाया. तब जाकर करीब चार घंटे बाद यातायात व्यवस्था सामान्य हो सकी.
मामला टंडवा प्रखंड का है. यहां आम्रपाली खदान से ट्रकों के निकलने के कारण हर दिन सड़क जाम हो जाती है. इससे स्कूल जानेवाले बच्चे कभी समय पर स्कूल नहीं पहुंच पाते. इसलिए केरनदाग, किशनपुर, पोकला, कशियाडीह और नरगामी गांव के करीब 40 विद्यार्थियों ने विरोध का यह तरीका अपनाया. इसमें पहली-दूसरी कक्षा में पढ़नेवाले बच्चे भी शामिल थे.
दरअसल, हर दिन की तरह अाज भी आम्रपाली सड़क जाम थी. आम्रपाली के ट्रक निकल रहे थे. छोटे वाहनों को आने-जाने का रास्ता नहीं मिल रहा था. लोग परेशान थे. सेंट थॉमस स्कूल में पढ़नेवाले उपरोक्त पांच गांव के बच्चे हर दिन इसी मार्ग से स्कूल आते और जाते हैं.
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बच्चे पहले सुबह 8 बजे घर से निकलते थे. 8.30 बजे तक स्कूल पहुंच जाते थे. जाम की वजह से इन बच्चों ने घर से निकलने का समय बदला. अब वे सुबह 7 बजे घर से निकल जाते हैं, लेकिन कई बार इन्हें स्कूल पहुंचने में नौ बज जाते हैं. जब से आम्रपाली खदान से कोयले की ढुलाई शुरू हुई है, ये बच्चे परेशान हैं.
बच्चों और उनके अभिभावकों का कहना था कि आम्रपाली खदान से हर दिन कम से कम 400 से 500 कोयला लदे ट्रक और हाइवा निकलते हैं. इनकी वजह से मुख्य मार्ग पर जाम लग जाता है. स्कूल जाने में देर हो जाती है.
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इस पर बीडीअो और थाना प्रभारी ने कहा कि बीसीसीएल से इस संबंध में बात करके इस समस्या का इसका स्थायी हल निकाला जायेगा. इसके बाद बच्चों और अभिभावकों ने अपना आंदोलन वापस ले लिया.