रांची: झारखंड के सबसे पिछड़े जिलों में शुमार और उग्रवाद प्रभावित जिला चतरा के लोगों का इंतजार खत्म होने वाला है. जिन लोगों को बस की यात्रा करने में परेशानी होती है, उनकी भी समस्या दूर होने वाली है. जी हां, ऐसे लोग, जिन्हें बस से यात्रा करते समय चक्कर आते हैं या उल्टियां होती हैं, अब रेल में आराम से यात्रा कर सकेंगे. रेलवे बोर्ड ने चतरा के लोगों के लिए अच्छी खबर दी है.
रेलवे बोर्ड ने गया-बोधगया-चतरा और गया-नटेसर (नालंदा) के बीच नयी रेल लाईन बिछाने की कवायद शुरू कर दी है. इसी कवायद के तहत बोर्ड ने प्रथम चरण में रेल लाईन बिछाने के लिए 15 करोड़ रुपये आवंटित किये हैं. बताया जाता है कि इन योजनाओं को वित्त वर्ष 2017-18 की बजट में शामिल कर लिया गया है.
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इतना ही नहीं, गया-किऊल सेक्शन के दोहरीकरण और विद्युतीकरण के लिए भी 100 करोड़ रुपये आवंटित किये गये हैं. विभागीय सूत्रों की मानें, तो रेलवे ने वर्तमान सरकार द्वारा रेल परिवहन संरचना को तीव्र गति से पूरा करने के संकल्प पर जोर-शोर से काम हो रहा है. सरकार का निर्देश है कि अधूरी योजनाओं या अटकी पड़ी योजनाओं को जल्द से जल्द पूरा किया जाये. यही वजह है कि सरकार राशि आवंटन में अब देर नहीं कर रही.
पूर्व मध्य रेलवे के जीएम डीके गायेन ने निर्माण कार्य को प्रारंभ कराने की दिशा में कार्रवाई शुरू करदीहै. जीएम का कहना है कि प्राप्त आवंटन महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं की व्यय आवश्यकताओं की पूर्ति करेगा. इससे महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं को पूरा कराने की दिशा में और गति आयेगी.
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यहां बताना प्रासंगिक होगा कि गया-बोधगया-चतरा रेल लाइन निर्माण की मांग काफी पुरानी है. इस बीच, ZRUCC के सदस्य डीके जैन और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य उदय श्रीवास्तव ने रेल मंत्री को गया-बोधगया-चतरा रेल लाइन का निर्माण कराने के लिए पत्र लिखा था. योजना के मुताबिक, गया-काष्ठा रेलवे स्टेशन के बीच से रेल लाइन निकलेगी, जो एयरपोर्ट के रास्ते बोधगया दुमुहान-डोभी होते हुए चतरा जायेगी.