कांटा घर नहीं, हाइवा चालक उठा रहे हैं लाभ

हर हाइवा से एक से दो टन कोयला बेचा जा रहा हैं. चतरा. कटकमसांडी रेलवे साइडिंग खुलने के एक माह बाद भी कांटा घर नहीं बनाया गया हैं. जिसका लाभ हाइवा चालक उठा रहे हैं. आम्रपाली से कोयला लेकर कटकमसांडी रेलवे साइडिंग पहुंचने वाले चालक बीच रास्ते में ही कोयला बेचते देखे जा रहे हैं. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 27, 2017 8:51 AM
हर हाइवा से एक से दो टन कोयला बेचा जा रहा हैं.
चतरा. कटकमसांडी रेलवे साइडिंग खुलने के एक माह बाद भी कांटा घर नहीं बनाया गया हैं. जिसका लाभ हाइवा चालक उठा रहे हैं. आम्रपाली से कोयला लेकर कटकमसांडी रेलवे साइडिंग पहुंचने वाले चालक बीच रास्ते में ही कोयला बेचते देखे जा रहे हैं. हर हाइवा से एक से दो टन कोयला बेचा जा रहा हैं. जिससे सरकार को हर माह लाखों रुपये का नुकसान हो रहा हैं.
कुछ दिन पूर्व पत्थलगड्डा रास्ते में एक हाइवा से कोयला रास्ते में ही गिरा दिया. पुलिस पहुंचने के पहले ही हाइवा फरार हो गया. जांच में पुलिस को जानकारी मिली की चोरी करने के ख्याल से कोयला गिराया गया था. इस तरह आम्रपाली से सिमरिया, चतरा, गिद्धौर होकर हाइवा चालक कटकमसांडी रेलवे साइडिंग पहुंचते हैं. इस दौरान जहां तहां गाड़ी खडा कर कोयला उतारते देखे जाते हैं. इस चोरी को रोकने के लिए सीसीएल भी गंभीर नहीं दिख रही हैं. कटकमसांडी रेलवे साइडिंग में जबतक कांटा घर नहीं बन जाता कोयले की चोरी रोक पाना मुश्किल हैं.

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