ट्वीटर पर ट्रेंड किया #ABVPLeaksCBSEPaper, तो झारखंड ABVP ने दी सफाई

पेपर लीक मामले में छात्र नेता का नाम आने से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को किरकिरी का सामना करना पड़ा.लीक होने की घटना के बाद देश भर में चल रहे ताबड़तोड़ छापेमारी अभियान में पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं चतरा से 12 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. इनमें कोचिंग संचालक सतीश […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 31, 2018 7:43 PM

पेपर लीक मामले में छात्र नेता का नाम आने से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद को किरकिरी का सामना करना पड़ा.लीक होने की घटना के बाद देश भर में चल रहे ताबड़तोड़ छापेमारी अभियान में पुलिस ने कई लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं चतरा से 12 लोगों की गिरफ्तारी हुई है. इनमें कोचिंग संचालक सतीश पांडेय भी शामिल है.

बताया जा रहा है कि सतीश पांडेय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के जिला संयोजक है. हालांकि झारखंड अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने इन बातों का खंडन किया है और ट्वीट कर कहा कि कोचिंग संचालक जिला संयोजक हो ही नहीं सकता है. छात्रसंघ चुनाव के बाद ही सतीश पांडेय को जिला संयोजक के दायित्व से हटाया जा चुका है. 26-27 फरवरी को अधिवेशन मे 6 जिलों में ही जिला संयोजक बनाया गया है.

ट्वीटर पर #ABVPLeaksCBSEPaper टॉप ट्रेंड में आ गया. वहीं कई लोगों ने एबीभीपी पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है. सैयद मकबूल ने लिखा कि एक तरफ ABVP का छात्र संगठन प्रकाश जावेडकर से मिलकर लीकप्रूफ परीक्षा कराने की मांग की है. वहीं दूसरी और पेपर लीक मामले में एबीभीपी के पदाधिकारी गिरफ्तार हो रहे हैं.
वैसे आपको बता दें कि 28 मार्च को सीबीएसई की दसवीं की परीक्षा जवाहर नवोदय केंद्र पर चल रही थी. परीक्षा के दौरान चार छात्रों के पास से चिट मिले थे. इन चिटों को जब चेक किया गया तो इनमें प्रश्न पत्र के सारे जबाव लिखे थे. इस घटना के बाद विद्यालय प्रबंधन ने चोरों छात्रों के खिलाफ केस दर्ज करवाया. गिरफ्तार छात्रों ने बताया कि जिला मुख्यालय स्थित स्टडी विजन कोचिंग संस्थान के संचालक सतीश पांडेय और पंकज सिंह ने ही छात्रों को पैसों के बदले प्रश्न पत्र उपलब्ध कराए थे.
एसपी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडियो को बताया कि प्रश्न पत्र लीक मामले में व्हाट्सएप्प का इस्तेमाल किया गया. उन्होंने आगे बताया कि छात्रों को लालच देकर 500 से 5000 रुपए में प्रश्न प्रत्र बेचे गए. दरअसल प्रश्न पत्र लीक की योजना महीन पहले से बनाई गई थी. पुलिस अभी भी इस मामले में जांच कर रही है. एसपी अखिलेश बी वारियर ने बाताया कि सभी नौ नाबालिग आरोपियों को बाल सुधार गृह भेज दिया गया है.

Next Article

Exit mobile version