इटखोरी : वन विभाग द्वारा ईंट भट्ठा संचालकों व मजदूरों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किये जाने से लोगों में हड़कंप है. इस कार्रवाई से पांच दिन से ईंट पथाई का काम बंद है. इस कारण कई मजदूर यूं ही बेरोजगार बैठे हैं. उनके समक्ष आर्थिक समस्या उत्पन्न हो गयी है. रोजगार की तलाश में मजदूर दूसरे प्रदेशों में पलायन करने का मन बना रहे हैं.
ज्ञात हो कि वन विभाग ने वन भूमि क्षेत्र से मिट्टी कटाई किये जाने के मामले में आधा दर्जन ईंट भट्ठा संचालकों व मजदूरों के खिलाफ कार्रवाई की है. इस कारण कई ईंट भट्ठा में काम बंद है.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इटखोरी तथा मयूरहंड प्रखंड में लगभग सात हजार मजदूर ईंट भट्ठा पर काम करते हैं. इन मजदूरों की कमाई से लगभग 30 हजार लोगों का भरण पोषण होता है. इनके रोजगार का एक मात्र साधन ईंट पथाई करना है. मजदूर बालदेव भुईयां ने कहा कि हमलोगों के समक्ष बेरोजगार की समस्या उत्पन्न हो गयी है. एक व्यक्ति कमाता है, तो परिवार के सभी सदस्यों को सुबह-शाम खाना मिलता है. अगर यही हालत रहा, तो रोजगार के लिए बाहर जाना पड़ेगा. राजेश भुईयां ने कहा कि ईंट भट्ठा में काम कर अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं. काम बंद होने से हमलोगों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गयी है. एक तरफ सरकार रोजगार देने की बात करती है, दूसरी तरफ वन विभाग हमलोगों का रोजगार छीन रहा है.
वन क्षेत्र में काम करने वालों पर कार्रवाई की गयी है. रैयती जमीन के मालिक अपना दस्तावेज प्रस्तुत कर सर्वे करायें. उसके बाद काम करें. अनधिकृत काम करने वालों पर कार्रवाई होगी.
डीएफओ पीआर नायडू, डीएफओ