इटखोरी : झारखंड की राजधानी रांची से करीब 140 किलोमीटर दूर स्थित चतरा जिले के इटखोरी प्रखंड में डॉक्टरों आ अमानवीय और क्रूर चेहरा सामने आया है. गुपचुप तरीके से लिंग जांच करने वाले दो डॉक्टरों ने मिलकर एक नवजात की ‘हत्या’ कर दी. इटखोरी थाना ने इनके खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया है. स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने चतरा में सिविल सर्जन को इन झोलाछाप डॉक्टरों पर एफआइआर दर्ज कराने और पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट देने के लिए कहा है.
डॉ अनुज कुमार और अरुण कुमार ने सिर्फ अपनी गलती छुपाने के लिए एक ऐसे शिशु की जान ले ली, जिसने इस दुनिया में ठीक से आंखें तक नहीं खोली थी. दरअसल, अवैध रूप से क्लिनिक चला रहे ये झोलाछाप डॉक्टर गर्भवती महिलाओं का अल्ट्रासाउंड भी करते थे. पैसे के लिए ये दोनों यह भी बता देते थे कि गर्भ में पल रहा शिशु बेटा है या बेटी. बलिया गांव की गुड्डी देवी को जब 8 माह का गर्भ था, तब उसे पेट में पीड़ा हुई. इस क्लिनिक में इलाज कराने आ गयी.
यहां अरुण और अनुज ने अल्ट्रासाउंड किया और गुड्डी देवी को बताया कि उसके पेट मेंलड़की पल रही है. जब बच्चे का जन्म हुआ, तो वह लड़का निकला. क्लिनिक और अपनी बदनामी को छिपाने के लिए दोनों ने मिलकर उस नवजात शिशु का लिंग काट दिया, जिसकी वजह से उसकी मौत हो गयी.