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पारा शिक्षकों का जेल भरो अभियान आज
कान्हाचट्टी : प्रखंड के शायलबगीचा में सोमवार को एकीकृत पारा शिक्षक संघ प्रखंड इकाई की बैठक प्रखंड अध्यक्ष मिथिलेश पांडेय की अध्यक्षता में हुई. मौके पर पारा शिक्षकों ने एक स्वर से जेल में बंद शिक्षकों की रिहाई की मांग राज्य सरकार से की. साथ ही ऐसा नहीं करने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी. […]
कान्हाचट्टी : प्रखंड के शायलबगीचा में सोमवार को एकीकृत पारा शिक्षक संघ प्रखंड इकाई की बैठक प्रखंड अध्यक्ष मिथिलेश पांडेय की अध्यक्षता में हुई. मौके पर पारा शिक्षकों ने एक स्वर से जेल में बंद शिक्षकों की रिहाई की मांग राज्य सरकार से की. साथ ही ऐसा नहीं करने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.
राज्य कमेटी के आह्वान पर राजपुर थाना में सभी शिक्षक अपने परिवार के साथ अपनी गिरफ्तारी देंगे. बैठक में उपस्थित शिक्षकों ने आगे की आंदोलन का रूप रेखा तय की. पलामू के मेदिनीनगर से गिरफ्तार पारा शिक्षकों का बिना शर्त रिहाई की मांग की है. साथ ही जेल में बंद पारा शिक्षकों के लिए आर्थिक सहायता की भी बात की गयी. बैठक में मुख्य रूप से गोपाल पांडेय, विजय प्रजापति,नवाल सिन्हा,रामाधीन यादव,गोपाल सिंह, अरविंद यादव, उपेंद्र राम, सुजीत वर्मा, लखन उरांव, सुषमा मिंज, अनुपम झा, अरविंद राम, अंजू कुमारी आदि उपस्थित थे.
शिक्षक संघ ने हड़ताल काे नैतिक समर्थक दिया
चतरा. झारखंड प्रारंभिक शिक्षक संघ ने पारा शिक्षकों की हड़ताल का नैतिक समर्थन दिया. सोमवार को शिक्षक संघ के प्रतिनिधिमंडल ने डीएसइ से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा. ज्ञापन में पारा शिक्षकों की हड़ताल के बाद विद्यालयों में सरकारी शिक्षकों के प्रतिनियोजन का विरोध किया गया है. संघ के जिलाध्यक्ष प्रकाश हर्षवर्धन ने सरकार से पारा शिक्षकों की मांगों पर विचार करते हुए उचित रास्ता निकालने की मांग की. शिष्टमंडल में नीरज सिंह, रवींद्र प्रताप राय, गणेश रविदास, हीरालाल साहा समेत अन्य शिक्षक शामिल थे.
प्रतिनियुक्त शिक्षक नहीं जा रहे हैं स्कूल
मयूरहंड.झारखंड स्थापना दिवस कार्यक्रम के दौरान रांची में पारा शिक्षकों पर हुए लाठीचार्ज के बाद 16 नवंबर से पारा शिक्षक अपनी विभिन्न मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. हड़ताल के कारण 31 विद्यालयों में ताला लटका हुआ है. प्रखंड के 212 शिक्षक हड़ताल पर हैं. बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह से ठप हो गयी है.
वहीं राज्य सरकार के आदेशानुसार बंद विद्यालयों में पठन-पाठन को सुचारु रूप से चलाने के लिये जिले के पदाधिकारियों द्वारा दूसरे विद्यालयों में कार्यरत सरकारी शिक्षकों को प्रतिनियुक्त किया गया है. कई विद्यालयों में सीआरपी व विद्यालय प्रबंधन समिति को भी विद्यालय संचालन का आदेश दिया है, लेकिन सरकारी शिक्षक विद्यालय नहीं पहुंच रहे, जिसके कारण ताला लटका हुआ है.
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