लावालौंग : प्रखंड क्षेत्र के टिकदा, चुकू, सतीटांड़, नारायणपुर एवं कुंदा थाना क्षेत्र के मैरगड़ा, एकता, खांखर, बाड़ी पोखर, लावा सोकर के साथ-साथ अन्य स्थानों के जंगलों में पांच सौ एकड़ जमीन में लगे अफीम की खेती को टीपीसी संगठन ने नष्ट कर दिया है. उक्त विषय की जानकारी देते हुए टीपीसी के जोनल प्रवक्ता पुरुषोत्तम जी ने बताया कि प्रत्येक वर्ष जिले के विभिन्न स्थानों पर भारी मात्रा में अफीम की खेती की जा रही है.
पुलिस प्रशासन इसपर अंकुश लगाने में आज तक असफल रही है. प्रत्येक वर्ष एसपी एवं डीसी साहब के द्वारा अफीम को नष्ट करने एवं इस पर पाबंदी लगाने का ऐलान किया जाता है पर रिजल्ट शून्य है.
आगे पुरुषोत्तम ने बताया कि जब किसी माध्यम से पुलिस पर दबाव पड़ता है तो वह जाकर थोड़ी बहुत मात्रा में अफीम को पीटकर खानापूर्ति कर देती है और ऊंचे पदाधिकारियों तक पूर्ण रूपेण नष्ट किये जाने की रिपोर्ट भेज दी जाती है. परंतु उस स्थान पर दोबारा पुलिस देखने तक नहीं जाती की फिर से पौधा पनपा या फला फूला क्या.
हमारे टीपीसी संगठन के द्वारा ग्रामीणों से गहन पूछताछ की गयी. इस दौरान ग्रामीणों ने साफ शब्दों में कहा कि पुलिस प्रशासन, रेंजर, फॉरेस्टर के साथ-साथ कई लोगों को पैसों की बदौलत खरीदकर बाहरी एजेंटों के द्वारा अफीम की खेती की जाती है. परंतु मुख्य आरोपी को ना दबोचकर पुलिस भोली-भाली जनता को झूठा केस में फंसा कर उन पर अन्याय करती है.
हमने काफी दिनों तक पुलिस प्रशासन के भरोसे कार्रवाई करने का इंतजार किया परंतु ऐसा नहीं होने पर अब टीपीसी संगठन ने धरातल से अफीम एवं अफीम के एजेंटों को मिटाने का अभियान शुरू कर दिया है. देश के भविष्य को ड्रग्स एवं हीरोइन से कोई बर्बाद करें यह संगठन किसी भी कीमत पर नहीं होने देगा.
संगठन ने क्षेत्र के किसानों से चना, मूंग, अरहर, दाल, मकई आदि फसलों की खेती करके आत्मनिर्भर बनने की बात कही है. साथ ही कहा है कि पुलिस प्रशासन, फॉरेस्टर, रेंजर, पुलिस एसपीओ पैसे लेकर अफीम की खेती को बढ़ावा ना दें. जनता एवं देश के हित में कार्य करें.