रांची : चतरा के सांसद सुनील कुमार सिंह अपनी टिकट बचाने में कामयाब रहे. वह 9 अप्रैल को नामांकन दाखिल करेंगे. मोदी लहर में वर्ष 2014 में 1,78,026 मतों के अंतर से कांग्रेस प्रत्याशी धीरज साहू को पराजित करने वाले सुनील कुमार सिंह एक बार फिर चतरा से ताल ठोकेंगे. भाजपा ने एक बार फिर चतरा से उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया है. इसके पहले चर्चा थी कि उनका टिकट कट सकता है और भाजपा किसी नये उम्मीदवार को यहां मौका देगी. लेकिन, शनिवार को दोपहर बाद भाजपा ने झारखंड की शेष तीन सीटों रांची, कोडरमा और चतरा के प्रत्याशियों का एलान कर दिया. पार्टी ने सुनील कुमार सिंह पर एक बार फिर भरोसा जताया है.
जम्मू-कश्मीर के जम्मू में 10 जनवरी, 1062 को जन्मे श्री सिंह पेशे से व्यापारी हैं. उन्होंने स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई की है. मार्केटिंग में एमबीए और समाजशास्त्र में एमए की पढ़ाई करने वाले सुनील कुमार सिंह भारतीय जनता पार्टी के कई अहम पदों पर रहे हैं. बहुमुखी प्रतिभा के धनी श्री सिंह राजनीति के साथ-साथ शिक्षा, साहित्य, धर्म, कला, संस्कृति, कृषि एवं ग्रामोद्योग के साथ-साथ यात्रा, प्रकृति एवं पर्यावरण से जुड़े विषयों में गहरी रुचि रखते हैं.
1977 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की सदस्यता लेकर छात्र आंदोलन में कूदे और सक्रिय भागीदारी निभायी. डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय एवं अटल बिहारी वाजपेयी के विचारों से प्रभावित श्री सिंह भारतीय जनता युवा मोर्चा से लेकर भारतीय जनता पार्टी तक में कई अहम पदों पर रहे.
वह 1995 से 2002 तक भाजयुमो की राष्ट्रीय कार्यसमिति के सदस्य रहे. 1987 से 2000 तक श्री सिंह भाजपा की राष्ट्रीय परिषद के सदस्य रहे. 1996 में वह भाजयुमो, बिहार के प्रदेश उपाध्यक्ष बने. 1998 से 2000 तक वह बिहार भाजयुमो के प्रदेश महामंत्री रहे. इसके बाद 2002 में वह भाजयुमो के राष्ट्रीय महामंत्री और 2004 में झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता बने. वर्ष 2005 से 2007 तक झारखंड भाजपा के प्रदेश महामंत्री रहे. 2011 में उन्हें राष्ट्रीय कार्यसमिति की सदस्य बनाया गया. इस दौरान बिहार, झारखंड और उत्तराखंड में विधानसभा एवं लोकसभा चुनावों में अहम जिम्मेदारियों का निर्वहन किया.
राजनीति से इतर वह भारतीय लोक प्रशासन संस्थान नयी दिल्ली के आजीवन सदस्य हैं. इंडियन काउंसिल ऑफ वर्ल्ड अफेयर के सदस्य, अंतर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद के सदस्य हैं. झारखंड में दामोदर, स्वर्णरेखा एवं अन्य नदियों को प्रदूषण मुक्त कराने के लिए एनजीओ के माध्यम से काम करते हैं.
चतरा के ऐतिहासिक इटखोरी, कौलेश्वरी एवं नगर महोत्सव की शुरुआत करने का श्रेय श्री सिंह को जाता है. सांसद के रूप में अपने कार्यकाल में वह वर्ष 2014 में लोकसभा में भाजपा के ह्विप बने. इसी साल उन्हें कमेटी ऑन गवर्नमेंट एश्योरेंसेज का सदस्य, कोयला और स्टील मामलों की स्थायी समिति का सदस्य, विदेश मामलों एवं प्रवासी भारतीय मामलों की सलाहकार समिति में सदस्य रहे.
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने अपनी संपत्ति 17.38 करोड़ रुपये घोषित की थी. इसके साथ ही उन्होंने बताया था कि उनके पास 17.47 करोड़ की संपत्तियां हैं, जबकि 9.5 लाख रुपये का कर्ज उन्होंने ले रखा है.