चतरा में कांग्रेस 30 साल से तलाश रही जीत की राह, अंतिम बार 1984 में युगेश्वर प्रसाद योगेश ने दर्ज की थी जीत

सुनील कुमार झा अंतिम बार 1984 में कांग्रेस के प्रत्याशी युगेश्वर प्रसाद योगेश ने दर्ज की थी जीत रांची : चतरा लोकसभा सीट पर कांग्रेस तीन दशक से जीत की राह तलाश रही है. वर्ष 1984 के बाद से कांग्रेस चतरा में जीत हासिल नहीं कर सकी. जब देश में कांग्रेस का बोलबाला था तब […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 15, 2019 6:49 AM
सुनील कुमार झा
अंतिम बार 1984 में कांग्रेस के प्रत्याशी युगेश्वर प्रसाद योगेश ने दर्ज की थी जीत
रांची : चतरा लोकसभा सीट पर कांग्रेस तीन दशक से जीत की राह तलाश रही है. वर्ष 1984 के बाद से कांग्रेस चतरा में जीत हासिल नहीं कर सकी.
जब देश में कांग्रेस का बोलबाला था तब भी चतरा में कांग्रेस नहीं जीत पायी थी. चतरा में कांग्रेस पहली बार 1971 में अपना खाता खोल सकी थी. उस समय कांग्रेस के टिकट पर शंकर दयाल सिंह सांसद चुने गये थे. 1971 के बाद हुए चुनाव में चतरा में कांग्रेस की फिर हार हो गयी. 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर सुखदेव प्रसाद वर्मा सांसद चुने गये. इसके बाद के दो चुनाव में कांग्रेस की लगातार जीत हुई.
चतरा में कांग्रेस में अंतिम जीत 1984 में हुई थी. इसके बाद से कांग्रेस इस सीट से धीरे-धीरे रेस से बाहर हो गयी. आलम यह हो गया कि 1991 के बाद से कांग्रेस चतरा सीट से 2004 तक सीधे मुकाबले में नहीं रही. वर्ष 2009 के चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर से चतरा सीट पर अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज करायी. लेकिन कांग्रेस प्रत्याशी धीरज कुमार साहू निर्दलीय प्रत्याशी इंदर सिंह नामधारी से 16,178 वोट से हार गये. वर्ष 2009 में भाजपा ने यह सीट जदयू को दी थी. जदयू के प्रत्याशी को 46,088 मत मिले थे. इसके बाद वर्ष 2014 के चुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर से धीरज साहू को प्रत्याशी बनाया. लेकिन कांग्रेस को फिर हार का सामना करना पड़ा. भाजपा के सुनील कुमार सिंह से धीरज साहू 1,78,026 वोटों से हार गये.
कांग्रेस ने बदला प्रत्याशी, राजद भी मैदान में
झारखंड में भाजपा को टक्कर देने के लिए विपक्षी दलों ने महागठबंधन बनाया है. पर पलामू सीट पर महागठबंधन का फॉर्मूला फेल हो गया है. समझौते के तहत यह सीट कांग्रेस को दी गयी, पर राजद भी दोस्ताना संघर्ष कर रहा है. कांग्रेस ने विधायक मनोज यादव को मैदान में उतरा है.
वहीं, राजद से सुभाष यादव मैदान में हैं. कांग्रेस जहां 30 साल के बाद जीत की राह पर लौटने का प्रयास कर रही है, वहीं राजद भी चतरा में अपनी पुरानी जमीन तलाशने में लगी है. राज्य गठन के बाद भी चतरा में राजद की पकड़ मजबूत थी. 1999 व 2004 के चुनाव में राजद प्रत्याशी ने यहां से जीत दर्ज की थी. वहीं भाजपा ने एक बाद फिर अपने सांसद सुनील कुमार सिंह को मैदान में उतरा है.
वर्ष जीते हारे
1984 योगेश्वर प्रसाद योगेश (कांग्रेस) सुखदेव प्रसाद वर्मा (जनता दल)
1989 उपेंद्रनाथ वर्मा (जनता दल) योगेश्वर प्रसाद योगेश (कांग्रेस)
1991 उपेंद्रनाथ वर्मा (जनता दल) धीरेंद्र अग्रवाल (भाजपा)
1996 धीरेंद्र अग्रवाल (भाजपा) कृष्णनंदन प्रसाद (जनता दल)
1998 धीरेंद्र अग्रवाल (भाजपा) नागमणि (राजद)
1999 नागमणि (राजद) धीरेंद्र अग्रवाल (भाजपा)
2004 धीरेंद्र अग्रवाल (राजद) इंदर सिंह नामधारी (जदयू)
2009 इंदर सिंह नामधारी (निर्दलीय) धीरज प्रसाद साहू (कांग्रेस)
2014 सुनील कुमार सिंह (भाजपा) धीरज प्रसाद साहू (कांग्रेस)

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