कोल माइंस को टेंडर के तीन वर्ष बाद खोलने की कवायद तेज

टंडवा : एशिया की सबसे बड़ी मगध कोल माइंस का अगला पड़ाव लातेहार जिला का आरा चमातु गांव होगा. सीसीएल ने मगध कोल परियोजना में अपना पहला पड़ाव मासिलोंग में बनाया था, वहां कोयला खत्म होने के बाद कुंडी देवलगड्डा में अभी माइंस संचालित है. कुंडी देवलगड्डा माइंस भी अब समाप्ति के कगार पर है. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 6, 2019 1:10 AM

टंडवा : एशिया की सबसे बड़ी मगध कोल माइंस का अगला पड़ाव लातेहार जिला का आरा चमातु गांव होगा. सीसीएल ने मगध कोल परियोजना में अपना पहला पड़ाव मासिलोंग में बनाया था, वहां कोयला खत्म होने के बाद कुंडी देवलगड्डा में अभी माइंस संचालित है. कुंडी देवलगड्डा माइंस भी अब समाप्ति के कगार पर है.

अब सीसीएल टंडवा से सटे लातेहार जिले के बालूमाथ अंचल के आरा चमातु में अपना अगला पड़ाव बनाने को लेकर कमर कस रही है. आरा चमातु गांव में माइंस विस्तार को लेकर ग्रामीणों की बैठक रेड्डी कैंप में सात जून को होगी. इसमें लातेहार जिला प्रशासन व सीसीएल अधिकारी भी भाग लेंगे.
बताया गया कि आरा चमातु माइंस 1900 एकड़ पर प्रस्तावित है. खनन को लेकर सीसीएल ने जनवरी 2016 में टेंडर निकाल दिया, जिसमें खनन का ठेका भीपीआर, बीजीआर व पीएलआर कंपनी ने मिल कर लिया है,पर टेंडर के तीन साल गुजर जाने के बाद भी सीसीएल अबतक कंपनी को जमीन उपलब्ध नहीं करायी गयी है. बताया गया कि आरा चमातु माइंस में 320 मिलियन टन ओबी व 240 मिलियन टन कोयला निकालना है.
टेंडर के अनुसार आठ साल में कंपनी को खनन का कार्य पूरा करना है पर तीन वर्ष बाद भी जमीन अबतक कंपनी को उपलब्ध नहीं करायी गयी है. इधर सीसीएल के सुगबुगाहत से टेंडर लेने वाली कंपनियों में एक आशा जगी है, पर ग्रामीण सूत्रों की माने तो माइंस शुरू करना अभी टेढ़ी खीर साबित होगी. सीसीएल अधिकारियों की माने तो सात जून को आयोजित वार्ता अगर सफल रही तो दस जून से मगध के आरा चमातु माइंस शुरू करने की तैयारी पूरी की गयी है.

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