आदिम जनजाति को नहीं मिल रही पेंशन
कुंदा : एक तरफ सरकार आदिम जनजाति (बैगा-परहिया) के विकास के लिये कई योजना चला रही है. इसके बावजूद भी बैगा जाती व कई विधवा महिलाएं को समुचित लाभ नहीं मिल रहा है. कुंदा के धरतीमांडर बैगा टोला के लोग पेंशन के लिए कई वर्षों से प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, पर आज […]
कुंदा : एक तरफ सरकार आदिम जनजाति (बैगा-परहिया) के विकास के लिये कई योजना चला रही है. इसके बावजूद भी बैगा जाती व कई विधवा महिलाएं को समुचित लाभ नहीं मिल रहा है. कुंदा के धरतीमांडर बैगा टोला के लोग पेंशन के लिए कई वर्षों से प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं, पर आज तक पेंशन का लाभ नहीं मिला.
धरतीमांडर गांव की मुनिया बैगिन, मतीया बैगिन, कोशिला बैगिन, मघा बैगा, बितली बैगा ,अशोक बैगा, बबिता बैगिन, लालती बैगिन, मोहनी बैगिन, प्रमिला बैगिन ,शिला बैगिन, कारू बैगा, राजू बैगा, फुलिया बैगिन, प्रमिला बैगिन को आजतक पेंशन नहीं मिला है. कई महिला विधवा पेंशन से वंचित हैं. इसके अलावे आसेदेरी, मदारपुर, नावदा, जगरनाथपुर ,सोहरलाठ, हरदियाटांड, बनियाडीह गांव में रहनेवाले बैग व परहिया जाति के लोगों को भी लाभ नहीं मिल रहा है.
क्या कहती हैं बीडीओ
बीडीओ कृतिबाला लकड़ा ने कहा कि पेंशन का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन देना होगा. अगर किसी को लाभ नहीं मिल रहा है तो ब्लॉक कर्मचारी को भेज कर विस्तृत जानकारी लिया जायेगी. पेंशन का लाभ आदिम जनजाति के लोगों को दिया जायेगा.