कुंदा : चतरा जिला के कुंदा प्रखंड की प्रखंड विकास पदाधिकारी सह अंचल अधिकारी कृतिबाला लकड़ा की कार 17 घंटे बाद पुलिस ने सोमवार को ग्रामीणों व जेसीबी की मदद से नदी से बाहर निकाली. नदी में डूबे रहने से गाड़ी को काफी नुकसान हुआ है. गाड़ी में पानी व बालू घुस गया, जिसकी वजह से निकालने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. नदी से निकालने के बाद कार को चतरा ले जाया गया.
ज्ञात हो कि रविवार को ‘जल शक्ति अभियान’ में शामिल होने कुंदा जा रहीं कृतिबाला लकड़ा की कार उफनती चिलोई नदी में बह गयी थी. कुंदा और चतरा की सीमा पर स्थित इस नदी में कार के बहने से पहले ही बीडीओ, उनकी कार के ड्राइवर-कर्मचारी और कुछ ग्रामीण जान बचाकर भागे और बाढ़ के पानी के पहुंचने से पहले किनारे पर चले गये.
बीच नदी में फंसी कार को बीडीओ के कर्मचारी और अन्य ग्रामीण नदी से निकालने में जुटे थे. इसी दौरान लोगों ने नदी की गर्जना सुनी. देखा कि नदी में पानी भर रहा है. यह देख लोग किनारे की ओर भागे. लोगों के किनारे पर पहुंचने के कुछ ही क्षण बाद नदी उफना गयी. नदी के वेग में बीडीओ सह सीओ की टाटा सुमो कार बहकर दूर चली गयी. हालांकि, कार में बालू भर जाने की वजह से कार दूर नहीं गयी.
चतरा से कुंदा जाने का सबसे छोटा मार्ग
चतरा से कुंदा जाने का यह सबसे छोटा मार्ग है. इसलिए अधिकतर लोग इसी रास्ते से कुंदा से चतरा और चतरा से कुंदा आना-जाना करते हैं. चतरा और कुंदा की सीमा पर पड़ने वाली इस नदी पर कोई पुल या पुलिया नहीं होने की वजह से लोग नदी पार करके ही कुंदा जाते हैं. इस रास्ते से चतरा और कुंदा की दूरी 35 किलोमीटर है, जबकि सड़क मार्ग से जोरी-प्रतापपुर होकर चतरा से कुंदा जाने के लिए करीब 60 किलोमीटर की दूरी तय करनी पड़ती है.