इटखोरी : टीबी से पीड़ित हलमत्ता गांव निवासी 60 वर्षीय झरी यादव की मौत गुरुवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में हो गयी. वह पिछले छह माह से टीबी से पीड़ित था. इस संबंध में उसकी पत्नी रूमती देवी ने इलाज में लापरवाही का आरोप ड्यूटी डॉक्टर अजीत कुमार पर लगाया है. उसने कहा कि मेरे पति को उल्टी होने पर सुबह 9 बजे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर आयी, उस समय कोई भी डॉक्टर नहीं थे.
जब डॉक्टर आये तो उन्होंने देर से इलाज शुरू किया तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. घटना की सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर केपी चौधरी, थानेदार सचिन कुमार दास स्वास्थ्य केंद्र पहुंचे, मामले को समझकर शव को उसके घर भेज दिया.
जमीन पर ही इलाज शुरू किया गया : टीबी से पीड़ित झरी यादव को स्वास्थ्य केंद्र में एक बेड भी उपलब्ध नहीं कराया गया. उनका इलाज जमीन पर लिटाकर कर किया गया. मरने के बाद भी लगभग एक घंटा तक शव जमीन पर पड़ा रहा.
ड्यूटी डॉक्टर ने कहा : इस संबंध में ड्यूटी डॉक्टर अजीत कुमार ने कहा कि पेसेंट बहुत ही गंभीर हालत में था, हमने तत्काल उसका इलाज शुरू किया. सलाईन व इंजेक्शन लगाने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी.